उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने मंगलवार को पुलिस विभाग में टेलीकॉम असिस्टेंट ऑपरेटर के तौर पर 1,494 नई नियुक्तियों के अवसर पर एक बड़ा बयान दिया। उन्होंने 2017 से पहले की पुलिस भर्ती प्रक्रिया को आड़े हाथों लेते हुए कहा कि उस समय भर्ती में भ्रष्टाचार, भाई-भतीजावाद, और सिफारिश का बोलबाला था, जिससे प्रदेश की कानून व्यवस्था पूरी तरह चरमरा गई थी।
सीएम योगी ने राजधानी लखनऊ के इंदिरा गांधी प्रतिष्ठान में आयोजित कार्यक्रम में बोलते हुए कहा,
“2017 से पहले पुलिस भर्ती में पोस्ट की नीलामी होती थी। पैसे लेकर नौकरियाँ दी जाती थीं और काबिल युवाओं का हक छीना जाता था। इसका असर सीधे-सीधे प्रदेश की कानून व्यवस्था पर पड़ा – दंगे बढ़े, अपराध बढ़े और आतंकवादी हमले तक हुए।”
भ्रष्ट भर्तियों से बिगड़ी व्यवस्था, अब पारदर्शिता का युग
सीएम योगी ने बताया कि 2017 से पहले अयोध्या, काशी, लखनऊ की अदालतों और रामपुर के CRPF कैंप तक पर आतंकी हमले हुए थे। उन्होंने कहा कि भर्ती में ईमानदारी और पारदर्शिता लाकर उनकी सरकार ने जनता का पुलिस पर भरोसा वापस लाने का काम किया।
उन्होंने कहा कि 2017 में सरकार बनते ही उन्होंने सबसे पहले Police Recruitment Board को पूरी तरह सुधारा और जवाबदेही तय की।
सबसे ज्यादा भर्ती वाला राज्य बना उत्तर प्रदेश
योगी ने कहा कि उनकी सरकार ने अब तक 2.17 लाख से ज्यादा पुलिसकर्मियों की भर्ती की है, जो पूरे देश में सबसे अधिक है। साथ ही, 8.5 लाख से ज्यादा युवाओं को सरकारी नौकरियाँ भी दी गई हैं।
“आज यूपी मॉडल को पूरा देश फॉलो कर रहा है। जो कभी दंगों और गुंडागर्दी के लिए बदनाम था, वो अब भारत की सबसे तेज़ी से बढ़ती अर्थव्यवस्था बन चुका है,” – सीएम योगी।
महिलाओं को 20% आरक्षण, 300 महिला ऑपरेटरों की नियुक्ति
उन्होंने कहा कि पुलिस विभाग में महिलाओं को 20% आरक्षण दिया गया है। इस बार 1,494 में से लगभग 300 पदों पर महिलाओं का चयन हुआ है। ये संख्या आने वाले समय में और बढ़ेगी।
अग्निवीरों को मिलेगा खास मौका
योगी सरकार ने फैसला लिया है कि पुलिस में 20% सीटें ‘अग्निवीरों‘ के लिए आरक्षित रहेंगी। जो युवा Agnipath Scheme के तहत ट्रेनिंग लेकर आए हैं, उन्हें राज्य की पुलिस में भी जगह दी जाएगी।
पुलिस ट्रेनिंग और इन्फ्रास्ट्रक्चर में ऐतिहासिक सुधार
- 2017 से पहले पुलिस ट्रेनिंग क्षमता सिर्फ 3,000 की थी, अब ये बढ़कर 60,000 हो गई है।
- 10 जिलों में नई पुलिस लाइंस बनाई गई हैं, जहां पहले कोई सुविधा नहीं थी।
- पुलिस मुख्यालय, थाने, क्वार्टर्स और बैरक आधुनिक सुविधाओं से लैस कर दिए गए हैं।
- 7 बड़े शहरों में पुलिस कमिश्नरेट सिस्टम लागू कर दिया गया है जिससे जवाबदेही और तेज़ कार्रवाई सुनिश्चित हो सके।
टेलीकॉम यूनिट की अहम भूमिका
सीएम योगी ने टेलीकॉम पुलिस यूनिट की तारीफ करते हुए कहा कि 25 करोड़ की आबादी वाले प्रदेश में, मजबूत कम्युनिकेशन सिस्टम बेहद जरूरी है। उन्होंने महाकुंभ जैसे आयोजनों में यूनिट के कार्य की सराहना की और कहा कि आधुनिक टेक्नोलॉजी के बिना पुलिस व्यवस्था अधूरी है।
सहानुभूति और शक्ति – दोनों की ज़रूरत
सीएम योगी ने अपने संबोधन में पुलिस से यह अपील भी की कि वो केवल शक्ति का नहीं बल्कि संवेदनशीलता का भी प्रदर्शन करें।
“देश अमृत काल में तीसरी सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था बनने की ओर बढ़ रहा है। ऐसे समय में हमें युवाओं को एक ऐसा सुरक्षित, सक्षम और जवाबदेह उत्तर प्रदेश देना है, जहां पुलिस प्रेरणा का स्रोत बने।”
सीएम योगी आदित्यनाथ के ये बयान सिर्फ एक भर्ती कार्यक्रम का हिस्सा नहीं थे, बल्कि एक साफ संदेश थे – अब यूपी में न सिफारिश चलेगी, न पैसा – सिर्फ योग्यता और ईमानदारी के आधार पर नौकरी मिलेगी। यह नया उत्तर प्रदेश भविष्य की पीढ़ियों के लिए एक प्रेरणा बनने की दिशा में अग्रसर है।