रामनवमी के पावन अवसर पर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने भारत को एक ऐतिहासिक सौगात दी है. उन्होंने तमिलनाडु के रामेश्वरम में स्थित पंबन में बने पहले वर्टिकल लिफ्ट सी ब्रिज का उद्घाटन किया. यह पुल न केवल देश की आधुनिक इंजीनियरिंग तकनीक का प्रतीक है, बल्कि यह भारत की ताकत और विकास की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम भी है. पंबन ब्रिज अब एशिया का पहला वर्टिकल लिफ्ट सी ब्रिज बन चुका है, और इसका उद्घाटन एक महत्वपूर्ण मील का पत्थर साबित हो रहा है.
पंबन वर्टिकल लिफ्ट ब्रिज की खासियत
यह नया पंबन वर्टिकल लिफ्ट सी ब्रिज समुद्र के ऊपर उठने की अद्भुत क्षमता से लैस है. इसमें 535 करोड़ रुपये की लागत आई है, और इसकी इंजीनियरिंग ने इसे एक अनूठा और आधुनिक कनेक्शन बना दिया है. यह ब्रिज रेलवे और समुद्री यातायात के लिए एक क्रांतिकारी बदलाव लेकर आया है. इसके उद्घाटन से पहले पीएम मोदी ने 2019 में इसका शिलान्यास किया था, और अब यह देश के लिए गर्व का प्रतीक बन चुका है.
पंबन वर्टिकल लिफ्ट सी ब्रिज का कार्य तीन चरणों में होगा:
- पहला चरण: इस ब्रिज का सेंटर स्पैन वर्टिकली ऊपर उठेगा, जिससे बड़े जहाजों को गुजरने का रास्ता मिलेगा.
- दूसरा चरण: पुराना ब्रिज टिल्ट करके उठेगा, ताकि समुद्र में चलने वाली नावों और जहाजों के लिए रास्ता खुल सके.
- तीसरा चरण: जब जहाजों को ब्रिज के नीचे से गुजरने की आवश्यकता होगी, तो यह पुल 63 मीटर तक उठ जाएगा.
पंबन ब्रिज की विशेषताएं
- फुली ऑटोमेटेड वर्टिकल लिफ्ट: इसमें मैनुअली स्पैन उठाने की कोई आवश्यकता नहीं होगी, यह पूरी तरह से स्वचालित है.
- पुल की ऊंचाई: यह पुल 22 मीटर तक ऊपर उठ सकता है, जिससे बड़े से बड़े जहाज आसानी से गुजर सकते हैं.
- तेज रफ्तार के लिए डिज़ाइन: इसमें डबल ट्रैक और इलेक्ट्रिफिकेशन की व्यवस्था है, जो तेज़ गति से चलने वाली ट्रेनों के लिए आवश्यक है.
- समय की बचत: यह पुल मात्र 5 मिनट में खुल सकता है और 3 मिनट में बंद हो जाता है, जिससे रेलवे यातायात में कोई अवरोध नहीं होता.
किस तरह से काम करेगा यह ब्रिज?
पंबन ब्रिज के 63 मीटर हिस्से को जहाजों के गुजरने के लिए ऊपर उठाया जाएगा. जब कोई बड़ा मालवाहक जहाज ब्रिज के पास पहुंचेगा, तो एक सायरन बजकर संकेत देगा. इसके बाद, पुल का यह हिस्सा 17 मीटर (60 फीट) ऊपर उठ जाएगा. इस प्रक्रिया को पूरा होने में सिर्फ 5 मिनट का समय लगेगा, जिससे तेज़ी से काम पूरा किया जा सकेगा. हालांकि, हवा की गति 50 किलोमीटर प्रति घंटा या उससे ज्यादा होने पर यह प्रणाली काम नहीं करेगी, क्योंकि हवा के प्रभाव से पुल का लिफ्टिंग सिस्टम प्रभावित हो सकता है.
इंजीनियरिंग का अद्भुत नमूना
- पंबन ब्रिज को खासतौर पर उन्नत इंजीनियरिंग तकनीक से तैयार किया गया है. इसमें:
- 72.5 मीटर का वर्टिकल लिफ्ट स्पैन जो 5 मिनट में खुल सकता है और 3 मिनट में बंद हो जाता है.
- एंटी-कोरोजन तकनीक और पॉलीसिलॉक्सेन पेंट का उपयोग किया गया है, जो इसे समुद्र के खारे पानी से सुरक्षित रखता है.
- ऑटोमैटिक सिग्नल सिस्टम से यह सुनिश्चित किया जाता है कि ब्रिज का संचालन स्वचालित रूप से और बिना किसी रुकावट के हो.
देश का पहला वर्टिकल लिफ्ट सी ब्रिज
यह पुल सिर्फ एक तकनीकी चमत्कार नहीं है, बल्कि भारतीय इंजीनियरिंग और निर्माण के क्षेत्र में एक नई क्रांति का प्रतीक है. इस ब्रिज से न केवल रेलवे यातायात में सुधार होगा, बल्कि समुद्री यातायात को भी अधिक सुगम बनाने में मदद मिलेगी. इसके निर्माण से पंबन और रामेश्वरम के बीच यातायात के संचालन में बेहद आसानी होगी.
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने इस ऐतिहासिक परियोजना का उद्घाटन करके न केवल तमिलनाडु बल्कि पूरे भारत को गर्व का अनुभव कराया है. इस ब्रिज के उद्घाटन से यह स्पष्ट होता है कि भारत अब अपने बुनियादी ढांचे और तकनीकी क्षमता में हर क्षेत्र में नए मानक स्थापित कर रहा है.