पंजाब सरकार ने आम लोगों की ज़िंदगी को आसान बनाने की दिशा में एक और बड़ा कदम उठाया है। मुख्यमंत्री भगवंत मान की अगुवाई में शुरू किए गए ‘ईजी जमाबंदी’ पोर्टल को लेकर पंजाब के कैबिनेट मंत्री लालजीत सिंह भुल्लर ने इसे क्रांतिकारी फैसला बताया है।
लुधियाना में आम आदमी पार्टी के नेताओं नील गर्ग और बलतेज पन्नू के साथ प्रेस कॉन्फ्रेंस करते हुए भुल्लर ने कहा कि ये पोर्टल अब आम लोगों को सरकारी दफ्तरों के चक्कर लगाने और भ्रष्टाचार से जूझने की मजबूरी से निजात दिलाएगा।
अब सारी प्रक्रिया होगी ऑनलाइन
मंत्री भुल्लर ने बताया कि अब रजिस्ट्री, इंतकाल और फर्द से जुड़ी सारी प्रक्रियाएं डिजिटल तरीके से ऑनलाइन होंगी। इससे किसी भी तरह की गड़बड़ी, जैसे नाम में गलती या जानबूझकर बदलाव जैसी घटनाएं, अब बीते समय की बात होंगी। पहले लोगों को ऐसे मामलों को सुधारने के लिए बार-बार दफ्तर जाना पड़ता था और कई बार रिश्वत भी देनी पड़ती थी। अब ये सब कुछ घर बैठे ही संभव होगा।
पारदर्शी और परेशानी मुक्त सेवा
भुल्लर ने कहा कि ‘ईजी जमाबंदी’ पोर्टल का मकसद है कि रजिस्ट्री और जमीन से जुड़ी सेवाओं में पूरी पारदर्शिता लाई जाए और भ्रष्टाचार पर रोक लगाई जाए। उन्होंने बताया कि अब तक करीब 99 प्रतिशत जमीनों का रिकॉर्ड डिजिटल कर दिया गया है, और बाकी बचा हुआ एक प्रतिशत डेटा भी जल्द ही ऑनलाइन कर दिया जाएगा।
शिकायत दर्ज कर सकेंगे घर बैठे
उन्होंने बताया कि यदि किसी रजिस्ट्री या इंतकाल में कोई गलती पाई जाती है तो व्यक्ति घर बैठे 1076 नंबर पर कॉल करके या विभाग की वेबसाइट पर जाकर शिकायत दर्ज कर सकता है। शिकायत का समाधान भी 15 दिनों के भीतर किया जाएगा।
लाखों लोगों को होगा फायदा
मंत्री भुल्लर के मुताबिक हर साल लाखों लोग जमीन से जुड़ी सेवाओं में आने वाली दिक्कतों का सामना करते हैं। अब जब ये सेवाएं पूरी तरह से ऑनलाइन हो जाएंगी, तो उन्हें इन परेशानियों से राहत मिलेगी और सरकारी सिस्टम में जनता का भरोसा बढ़ेगा।
‘आप‘ सरकार की नई सोच
भुल्लर ने कहा कि आम आदमी पार्टी की सरकार लोगों को एक भ्रष्टाचार मुक्त, जवाबदेह और सुगम शासन देने के लिए प्रतिबद्ध है। ‘ईजी जमाबंदी’ पोर्टल उसी सोच का हिस्सा है, जो जनता को सुविधा और पारदर्शिता का अनुभव देगा।
‘ईजी जमाबंदी’ पोर्टल आम लोगों के लिए एक सशक्त डिजिटल टूल बनकर उभरेगा, जिससे जमीन से जुड़ी सभी सरकारी सेवाएं अब कुछ क्लिक में ही सुलभ और आसान हो जाएंगी। ये पहल न सिर्फ समय की बचत करेगी, बल्कि सरकारी प्रक्रियाओं में ईमानदारी और स्पष्टता भी लाएगी।