पंजाब की मान सरकार ने कामकाजी महिलाओं को सुरक्षित और किफायती रहने की सुविधा देने के लिए एक बड़ा कदम उठाया है। सरकार ने घोषणा की है कि राज्य में 150 करोड़ रुपये की लागत से 5 नए वर्किंग वुमेन हॉस्टल बनाए जाएंगे। इनमें तीन हॉस्टल मोहाली, एक अमृतसर और एक जालंधर में बनाया जाएगा।
ये हॉस्टल उन महिलाओं के लिए बहुत मददगार साबित होंगे जो नौकरी या करियर के लिए अपने घरों से दूर बड़े शहरों में रहती हैं और जिन्हें सस्ते व सुरक्षित घर की खोज में काफी परेशानी होती है।
महिलाओं की सुरक्षा और सुविधा पर सरकार का फोकस
मुख्यमंत्री भगवंत मान ने कहा कि हर महिला को सुरक्षित और सस्ते रहने का अधिकार है।
उन्होंने कहा—
“हमारी बेटियां और बहनें अपने सपने पूरे करने के लिए शहरों में आती हैं, लेकिन महंगे किराये और असुरक्षित माहौल उनकी सबसे बड़ी मुश्किल है। ये नए हॉस्टल उनकी सुरक्षा और आत्मविश्वास दोनों को बढ़ाएंगे।”
पहले भी मिल चुका है लाभ – पुराने हॉस्टलों का अनुभव
यह पहला मौका नहीं है जब पंजाब में महिलाओं के लिए हॉस्टल बनाए जा रहे हैं।
2019 में पूर्व सरकार ने लुधियाना और पटियाला में दो वर्किंग वुमेन हॉस्टल खोले थे, जिन पर करीब 35 करोड़ रुपये खर्च हुए थे।
इन हॉस्टलों में 200 से ज्यादा महिलाएँ रह रही हैं और उन्हें किराये में लगभग 40–50% की बचत होती है।
लुधियाना में रहने वाली नेहा शर्मा, जो एक प्राइवेट कंपनी में काम करती हैं, बताती हैं कि पहले उन्हें 8,000 रुपये किराया देना पड़ता था, लेकिन हॉस्टल में 3,500 रुपये में ही सारी जरूरी सुविधाएँ मिल जाती हैं।
नए हॉस्टलों में क्या-क्या सुविधाएँ मिलेंगी?
सरकार ने बताया कि इस बार सुविधाओं को और बेहतर बनाया जा रहा है। हर हॉस्टल में रहेंगी:
- 24×7 सुरक्षा
- CCTV कैमरे
- हाई-स्पीड Wi-Fi
- जिम
- लाइब्रेरी
- कॉमन रूम
- मेडिकल सुविधा
- काम की जगह के पास लोकेशन
- पब्लिक ट्रांसपोर्ट तक आसान पहुंच
हर हॉस्टल में 150 से 200 महिलाएँ रह सकेंगी।
कुल मिलाकर 800–1000 महिलाएँ सीधे लाभ उठा पाएंगी।
महिलाओं की राय के आधार पर नई योजना तैयार
समाज कल्याण विभाग की अधिकारी डॉ. सिमरनजीत कौर ने बताया कि पुराने हॉस्टलों में रहने वाली महिलाओं से फीडबैक लेकर इस बार शुरुआती प्लान को और मजबूत किया गया है।
उन्होंने कहा—
“हमने महिलाओं की जरूरतें समझीं। इस बार लोकेशन, सुरक्षा और किफायती रेट को सबसे ऊपर रखा है।”
राज्य की अर्थव्यवस्था पर भी सकारात्मक असर
विशेषज्ञों का मानना है कि सुरक्षित आवास मिलने से महिलाएँ बिना तनाव के काम कर पाएंगी, जिससे उनकी productivity बढ़ेगी और राज्य की आर्थिक स्थिति मजबूत होगी।
पंजाब यूनिवर्सिटी की अर्थशास्त्री प्रो. मनदीप कौर कहती हैं—
“महिलाओं की workforce में भागीदारी बढ़ना किसी भी अर्थव्यवस्था के विकास की कुंजी है। ऐसी योजनाएँ एक सकारात्मक संदेश देती हैं कि राज्य महिलाओं के साथ खड़ा है।”
मान सरकार के अन्य महिला-सशक्तिकरण कदम
पिछले दो साल में पंजाब सरकार ने कई फैसले लिए हैं, जैसे—
- ‘माई भागो इस्त्री शक्ति स्कीम’ के तहत बसों में महिलाओं के लिए मुफ्त यात्रा
- आशा वर्कर्स के वेतन में बढ़ोतरी
- महिला उद्यमियों के लिए स्पेशल लोन स्कीम
- सरकारी नौकरियों में महिलाओं की सहभागिता बढ़ाने के लिए साधारण प्रक्रिया
नए हॉस्टल भी इसी दिशा की एक मजबूत कड़ी माने जा रहे हैं।
कब तक पूरा होगा प्रोजेक्ट?
अगले दो वर्षों में इन हॉस्टलों का निर्माण पूरा होने की उम्मीद है।
सरकार का कहना है कि यह कदम न सिर्फ महिलाओं को सुरक्षित रहने की सुविधा देगा, बल्कि पंजाब में gender equality और women empowerment का संदेश भी मजबूत करेगा।

