भारत ने अंतरिक्ष की दुनिया में एक और बड़ी कामयाबी हासिल की है। भारतीय वायुसेना के ग्रुप कैप्टन शुभांशु शुक्ला ने इतिहास रचते हुए पहली बार इंटरनेशनल स्पेस स्टेशन (ISS) में कदम रखा है। इस ऐतिहासिक मौके पर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने उनसे वीडियो कॉल के जरिए बात की और पूरे देश की तरफ से बधाई दी।
“धरती को बाहर से देखकर लगता है कि हम सब एक हैं”
प्रधानमंत्री मोदी ने जब शुभांशु से पूछा कि अंतरिक्ष में जाकर सबसे पहले क्या महसूस हुआ, तो उनका जवाब बेहद भावुक था।
उन्होंने कहा,
“जब मैंने धरती को बाहर से देखा तो सबसे पहले यही ख्याल आया कि कोई बॉर्डर नहीं दिखता। लगता है कि धरती एक है और हम सब सिर्फ इंसान हैं। इंडिया को देखकर लगा कि ये बहुत विशाल है, जैसा मैप में दिखता है उससे कहीं ज्यादा बड़ा।”
“यहां दिन में 16 बार सूर्योदय और 16 बार सूर्यास्त होता है”
शुभांशु ने अंतरिक्ष की खासियत बताते हुए कहा कि:
“यहां एक दिन में हम 16 बार सूरज को उगते और 16 बार डूबते देखते हैं, क्योंकि ISS हर 90 मिनट में पृथ्वी का एक चक्कर लगाता है। जब खिड़की से बाहर देखा तो हम हवाई के ऊपर उड़ रहे थे।”
शुभांशु ने बताया कि अंतरिक्ष में जीना आसान नहीं है। उन्होंने कहा:
“हमने धरती पर एक साल तक ट्रेनिंग की, लेकिन यहां आकर सब कुछ अलग लगता है। स्पेस में gravity नहीं होती, इसलिए चलने, सोने, खाने जैसी छोटी-छोटी चीजें भी मुश्किल हो जाती हैं। मैं अभी PM मोदी से बात करते समय अपने पैर बांधकर बैठा हूं, नहीं तो मैं हवा में तैरने लगूंगा।”
प्रधानमंत्री मोदी ने बातचीत के दौरान कहा:
“आप भले ही आज धरती से दूर हैं, लेकिन 140 करोड़ भारतीयों के दिल में सबसे करीब हैं। आपके नाम में ‘शुभ’ है और आपकी यात्रा नए युग का शुभारंभ है।”
शुभांशु शुक्ला अमेरिका की प्राइवेट कंपनी Axiom Space के Axiom-4 मिशन का हिस्सा हैं। इस मिशन में उनके साथ तीन और अंतरिक्ष यात्री हैं:
- पेगी व्हिटसन (वरिष्ठ महिला अमेरिकी एस्ट्रोनॉट)
- स्लावोस उजनांस्की-विश्निएव्स्की (पोलैंड के इंजीनियर)
- तिबोर कापू (हंगरी के मिशन स्पेशलिस्ट)
चारों अंतरिक्ष यात्रियों का ISS पर जोरदार स्वागत हुआ और उन्हें अंतरिक्ष बैज (astronaut pin) दिए गए।
शुभांशु ने बताया कि अगले 14 दिनों तक वो और उनकी टीम ISS में कई साइंटिफिक एक्सपेरिमेंट्स करेंगे और धरती के लोगों से जुड़कर अनुभव साझा करेंगे।
“मैं तिरंगा लेकर आया हूं और पूरे भारत को अपने साथ लाया हूं। यह यात्रा सिर्फ मेरी नहीं है, ये पूरे देश की यात्रा है।”
शुभांशु ने अपने लॉन्च का अनुभव साझा करते हुए कहा:
“30 दिन के क्वारंटीन के बाद जब मैं कैप्सूल ‘Grace’ में बैठा तो बस एक ही ख्याल आया – अब बस चलो। जैसे ही रॉकेट लॉन्च हुआ, सीट में धंसने जैसा महसूस हुआ… फिर अचानक एकदम शांति, और हम स्पेस में तैरने लगे। वो पल वाकई जादुई था।”
अंत में शुभांशु ने PM मोदी को धन्यवाद देते हुए कहा:
“आपकी और देश की शुभकामनाओं के लिए धन्यवाद। मैं ठीक हूं और सुरक्षित हूं। मुझे यहां बहुत अच्छा लग रहा है। यह मेरा नहीं, हम सबका सफर है।”
शुभांशु शुक्ला की यह उड़ान सिर्फ एक अंतरिक्ष यात्रा नहीं है, यह भारत की नई सोच, नए सपनों और नई दिशा की उड़ान है। आज वो अकेले स्पेस में हैं, लेकिन उनके साथ हैं 140 करोड़ भारतीयों की उम्मीदें, गर्व और तिरंगा।