भारत और बांग्लादेश के बीच रिश्तों में बढ़ती तल्खी के बीच भारत सरकार ने एक बड़ा फैसला लिया है। अब बांग्लादेश से जूट और कुछ खास सामानों का आयात किसी भी ज़मीनी बॉर्डर (land border) से नहीं हो सकेगा। ये सामान अब सिर्फ महाराष्ट्र के न्हावा शेवा (Nhava Sheva) बंदरगाह के जरिए ही भारत में आ सकेंगे।
यह फैसला भारत के वाणिज्य मंत्रालय के तहत आने वाले डायरेक्टोरेट जनरल ऑफ फॉरेन ट्रेड (DGFT) ने शुक्रवार को एक आधिकारिक नोटिफिकेशन में लिया है। यह पाबंदी तुरंत प्रभाव से लागू कर दी गई है।
किन सामानों पर लगी पाबंदी?
इस आदेश के तहत जिन उत्पादों पर रोक लगाई गई है, उनमें शामिल हैं:
- जूट के बने प्रोडक्ट्स
- फ्लैक्स टॉ और वेस्ट
- जूट और अन्य रेशों (fibres) से बने धागे (yarns)
- जूट के बुने हुए कपड़े (woven fabrics)
- बिना ब्लीच किए हुए जूट के कपड़े (unbleached jute fabric)
अब इन सभी सामानों का आयात भारत-बांग्लादेश की सभी ज़मीनी सीमाओं से पूरी तरह बैन कर दिया गया है।
ट्रांजिट को लेकर क्या नियम हैं?
हालांकि, यह पाबंदी बांग्लादेश से होकर नेपाल और भूटान जा रहे ट्रांजिट सामान पर लागू नहीं होगी।
लेकिन एक बात साफ कर दी गई है – बांग्लादेश से नेपाल या भूटान के रास्ते भारत में री-एक्सपोर्ट (Re-export) की अनुमति नहीं होगी।
पहले भी लगे थे ऐसे प्रतिबंध
यह पहली बार नहीं है जब भारत ने बांग्लादेश से आयात पर रोक लगाई है:
- 17 मई 2024 को भारत ने बांग्लादेश से रेडीमेड गारमेंट्स और प्रोसेस्ड फूड्स के आयात पर कुछ बंदरगाहों से पाबंदी लगाई थी।
- 9 अप्रैल 2024 को भारत ने बांग्लादेश को मिली ट्रांजिट सुविधा हटा ली थी, जिससे वह मध्य-पूर्व और यूरोप जैसे देशों में सामान भेजता था। (हालांकि नेपाल और भूटान के लिए ये सुविधा बरकरार रखी गई है।)
आखिर वजह क्या है?
इस सबके पीछे राजनयिक कारण माने जा रहे हैं। दरअसल, बांग्लादेश के अंतरिम प्रधानमंत्री मुहम्मद यूनुस ने हाल ही में चीन में कुछ ऐसे बयान दिए थे जो भारत को नागवार गुज़रे।
इन बयानों को लेकर भारत के राजनीतिक हलकों में भी नाराज़गी देखी गई।
साथ ही, बांग्लादेश में अल्पसंख्यकों (खासकर हिंदू समुदाय) पर हो रहे हमलों को लेकर भी भारत ने चिंता जताई है। भारत को यह भी आशंका है कि बांग्लादेश धीरे-धीरे पाकिस्तान और चीन के नज़दीक जा रहा है।
व्यापारिक आंकड़े भी जानिए:
- 2023-24 में भारत-बांग्लादेश का कुल व्यापार: 12.9 अरब डॉलर
- 2024-25 में भारत का बांग्लादेश को निर्यात: 11.46 अरब डॉलर
- भारत का बांग्लादेश से आयात: सिर्फ 2 अरब डॉलर
जूट और टेक्सटाइल इंडस्ट्री में बांग्लादेश, भारत का सीधा कॉम्पिटीटर (प्रतिद्वंदी) है, और यही वजह है कि इस सेक्टर पर सबसे ज्यादा फोकस किया जा रहा है।
संसद में भी उठी चर्चा
शुक्रवार को संसद की एक समिति की बैठक में इस मुद्दे पर चर्चा हुई, जिसमें भारत-बांग्लादेश के बिगड़ते रिश्ते, बांग्लादेश की पाकिस्तान-चीन के साथ बढ़ती नज़दीकी, और इससे भारत की सुरक्षा पर पड़ने वाले असर को लेकर चिंता जताई गई।
भारत का यह फैसला सिर्फ व्यापार तक सीमित नहीं है, बल्कि यह एक राजनीतिक और रणनीतिक संदेश भी है। भारत ने साफ कर दिया है कि वह अपने हितों से कोई समझौता नहीं करेगा, चाहे वह व्यापार हो या कूटनीति।