भारत ने गुरुवार से अपना एक बड़ा मिलिट्री एक्सरसाइज़ ‘Trishul’ (त्रिशूल) शुरू किया है, जो अगले 12 दिनों तक (30 अक्टूबर से 10 नवंबर) चलेगा।
यह अभ्यास गुजरात और राजस्थान में पाकिस्तान बॉर्डर के पास हो रहा है और इसमें तीनों सेनाएं – Army, Navy और Air Force हिस्सा ले रही हैं।
इसका मकसद है भारत की combat readiness (यानी युद्ध के लिए तैयार रहने की क्षमता) को परखना और यह दिखाना कि भारत हर हाल में अपनी सीमा की रक्षा कर सकता है।
पहली बार इतने बड़े स्तर पर War Exercise
‘Trishul’ भारत का इस साल का सबसे बड़ा सैन्य अभ्यास है।
यह ‘Operation Sindoor’ के बाद हो रहा है, जो करीब छह महीने पहले खत्म हुआ था।
इस अभ्यास में भारत की तीनों सेनाएं एक साथ काम कर रही हैं ताकि joint operation के दौरान तालमेल और coordination को और बेहतर बनाया जा सके।
कहां हो रहा है ‘Trishul’?
अभ्यास गुजरात और राजस्थान में किया जा रहा है, लेकिन सबसे ज्यादा ध्यान कच्छ (Kutch) क्षेत्र पर है।
कच्छ इलाका भारत और पाकिस्तान के बीच चल रहे Sir Creek विवाद की वजह से हमेशा संवेदनशील रहा है।
इसलिए भारत इस एक्सरसाइज़ के ज़रिए साफ संदेश देना चाहता है कि वह अपनी सीमा की सुरक्षा के लिए पूरी तरह तैयार है।
सेनाओं की बड़ी तैयारी
तीनों सेनाओं ने इस एक्सरसाइज़ में अपनी सबसे आधुनिक और ताकतवर यूनिट्स भेजी हैं 👇
भारतीय थल सेना (Army)
- T-90 टैंक
- BrahMos मिसाइल यूनिट्स
- Akash Air Defence System
- स्वदेशी Prachand Attack Helicopter
- Para SF कमांडो यूनिट्स (स्पेशल फोर्स)
भारतीय वायु सेना (Air Force)
- Rafale और Sukhoi Su-30 फाइटर जेट्स
- Heron और Sea Guardian Drones निगरानी और टार्गेटिंग के लिए
- Garud Commandos (IAF की स्पेशल फोर्स)
भारतीय नौसेना (Navy)
- Kolkata-class Destroyers
- Nilgiri-class Frigates
- Fast Attack Crafts
- MARCOS (Marine Commandos) जो समुद्र और ज़मीन दोनों जगह ऑपरेशन करने में माहिर हैं
‘Trishul’ का मकसद क्या है?
इस अभ्यास का मुख्य उद्देश्य है:
- पाकिस्तान को साफ संदेश देना कि भारत किसी भी उकसावे (provocation) का कड़ा जवाब देने में सक्षम है।
- ‘Operation Sindoor’ के बाद तीनों सेनाओं की तैयारी और coordination को जांचना।
- नए हथियारों, ड्रोन और missile systems की क्षमता को टेस्ट करना।
- यह दिखाना कि अगर भविष्य में कोई संघर्ष होता है, तो तीनों सेनाएं एक साथ और तेज़ी से कार्रवाई कर सकती हैं।
Sir Creek विवाद पर तनाव
Sir Creek एक करीब 100 किलोमीटर लंबा पानी का रास्ता (water channel) है, जो गुजरात के रण ऑफ कच्छ और पाकिस्तान के सिंध प्रांत के बीच स्थित है।
दोनों देशों के बीच इस पर सीमा विवाद (border dispute) लंबे समय से चल रहा है।
हाल ही में, रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने पाकिस्तान को चेतावनी दी थी कि अगर उसने Sir Creek पर अवैध दावा करने की कोशिश की,
तो भारत ऐसा जवाब देगा जो “इतिहास और भूगोल दोनों बदल देगा।”
सूत्रों के मुताबिक, पाकिस्तान ने Sir Creek इलाके में नए बंकर, रडार और फॉरवर्ड ऑपरेटिंग बेस (FOBs) बनाए हैं,
जहां से वह ड्रोन और इन्फैंट्री ऑपरेशन शुरू कर सकता है।
इसी बीच, पाकिस्तान नौसेना प्रमुख एडमिरल नावेद अशरफ ने पिछले हफ्ते Sir Creek के फॉरवर्ड पोस्ट्स का अचानक दौरा किया और कहा कि पाकिस्तान “हर इंच सीमा की रक्षा करेगा”।
भारत ने इस बयान को गंभीरता से लिया है और अपनी सुरक्षा तैयारियों को और बढ़ाया है।
Pakistan की प्रतिक्रिया — Airspace बंद किया
‘Trishul’ शुरू होने से कुछ घंटे पहले ही पाकिस्तान ने अपने हवाई क्षेत्र (Airspace) में 48 घंटे का प्रतिबंध (NOTAM) जारी किया।
इसके तहत दक्षिण और मध्य पाकिस्तान के कई एयर ट्रैफिक रूट्स बंद कर दिए गए।
बाद में पाकिस्तान ने इस प्रतिबंध को लगभग पूरे देश के हिस्से तक बढ़ा दिया,
जिसे भारत के इस बड़े सैन्य अभ्यास की प्रतिक्रिया माना जा रहा है।
उधर, भारत ने भी अपने हिस्से के airspace को 28,000 फीट तक बंद कर दिया है, जो 30 अक्टूबर से 10 नवंबर तक लागू रहेगा।
कुल मिलाकर
‘Exercise Trishul’ भारत की तीनों सेनाओं की ताकत, तैयारी और एकजुटता की झलक दिखाता है।
यह पाकिस्तान को यह साफ संदेश देता है कि भारत अपनी सीमाओं की सुरक्षा के लिए पूरी तरह तैयार है और किसी भी तरह की आक्रामक हरकत (aggression) का जवाब उसी भाषा में देगा।
भारत की यह एक्सरसाइज़ न सिर्फ एक सैन्य अभ्यास (military drill) है, बल्कि एक कूटनीतिक संदेश (strategic message) भी है —
कि भारत अब सिर्फ रक्षा नहीं, जरूरत पड़ने पर offensive (आक्रामक) कदम उठाने के लिए भी पूरी तरह सक्षम है।

