पंजाब को बिजली कटौती की समस्या से स्थायी राहत दिलाने की दिशा में एक बड़ा कदम उठाया गया है। पंजाब के मुख्यमंत्री भगवंत मान, आप सुप्रीमो अरविंद केजरीवाल और बिजली मंत्री संजीव अरोड़ा ने जालंधर से पावर सेक्टर में 5000 करोड़ रुपये के निवेश का ऐलान किया है। दावा किया गया है कि इससे राज्य को 24 घंटे निर्बाध बिजली मिलेगी, फाल्ट ठीक करने का समय 2 घंटे से घटाकर सिर्फ आधे घंटे रह जाएगा और बिजली कट से छुटकारा मिलेगा।
लेकिन ये बड़े-बड़े दावे ज़मीन पर कब तक उतरेंगे? क्या सच में 24×7 बिजली मिल सकेगी? इन्हीं सवालों के जवाब जानने के लिए दैनिक भास्कर टीम ने पावरकॉम के चीफ इंजीनियर दविंदर शर्मा से खास बातचीत की।
2035 तक की लॉन्ग टर्म योजना, बदलाव 2026 से शुरू
चीफ इंजीनियर दविंदर शर्मा ने बताया कि ये एक लॉन्ग टर्म प्लान है जो 2035 तक लागू रहेगा। लेकिन अच्छे संकेत जल्द ही मिलने शुरू हो जाएंगे। सबसे पहले लुधियाना, जालंधर, अमृतसर, पटियाला, मोहाली और बठिंडा जैसे बड़े शहरों पर फोकस किया जाएगा। इन शहरों में फरवरी 2026 से बदलाव दिखना शुरू हो जाएगा, जबकि ग्रामीण और छोटे शहरों में चरणबद्ध तरीके से काम आगे बढ़ेगा।
बिजली कट क्यों लग रहे हैं? ये हैं मुख्य कारण
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ट्रिपिंग की समस्या – कई फीडरों पर ट्रिपिंग हो रही है। इसका कारण जर्जर लाइनें और पुराने ट्रांसफॉर्मर हैं।
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ओवरलोड ट्रांसफॉर्मर – लोगों ने एयर कंडीशनर और अन्य इलेक्ट्रिक उपकरण लगाकर लोड बढ़ा लिया है, लेकिन ट्रांसफॉर्मर अपडेट नहीं हुए हैं।
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लटकती तारें – हल्की हवा में भी स्पार्किंग होती है और फ्यूज उड़ जाते हैं, जिससे पावर कट लगते हैं।
पावर कट रोकने के लिए तीन स्टैप का रोडमैप
पहला स्टेप: बड़े शहरों से शुरुआत
5000 करोड़ रुपये की योजना के तहत सबसे पहले बड़े नगर निगम क्षेत्रों में काम होगा। इस फंड में 60% राज्य सरकार और 40% पावर फाइनेंस कॉर्पोरेशन का हिस्सा रहेगा।
इन शहरों में पुराने ट्रांसफॉर्मर और खराब लाइनें बदली जाएंगी। नए सब स्टेशन बनेंगे। जालंधर के बबरीक चौक, लेदर कांप्लेक्स, फोकल पाइंट-2 जैसे इलाकों में ट्रांसफॉर्मर बदले जाएंगे।
मार्च 2026 तक दिखेगा असर
इंजीनियर शर्मा ने बताया कि मार्च 2026 तक बड़े शहरों में स्पष्ट रूप से बदलाव नजर आने लगेगा। हालांकि, पूरे राज्य में पावर कट कम करने में कम से कम तीन साल लगेंगे।
फाल्ट रिपेयर टाइम 2 घंटे से घटाकर 30 मिनट तक लाने की तैयारी
पंजाब में बिजली फाल्ट आने के बाद उसे ठीक करने में औसतन 2 घंटे का समय लग रहा है। सरकार इसे तीन साल में आधे घंटे तक लाने का लक्ष्य लेकर चल रही है।
इसके लिए किए जा रहे प्रयास:
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कस्टमर केयर लाइनों की संख्या बढ़ेगी –
अभी पूरे राज्य के लिए सिर्फ 120 लाइनों वाला एक ही कॉल सेंटर लुधियाना में है। अब इसे बढ़ाकर 1600 लाइनें की जाएंगी।
पहला नया सेंटर मोहाली में 180 लाइनों के साथ 2026 तक शुरू होगा। -
शिकायत जितनी जल्दी दर्ज, उतनी जल्दी समाधान –
वर्तमान में ग्राहक कई बार फोन नहीं मिला पाते। नई व्यवस्था से शिकायतें तुरंत दर्ज होंगी और समाधान भी जल्दी मिलेगा। -
2500 नई भर्तियों का ऐलान –
बिजली मंत्री ने 15 दिनों में 2500 कर्मचारियों की भर्ती का ऐलान किया है। इससे फाल्ट रिपेयर का लोड कर्मचारियों पर कम होगा और समय भी बचेगा।
क्या वादा पूरा होगा?
इंजीनियर दविंदर शर्मा के अनुसार सरकार के इस मास्टर प्लान को तीन चरणों में लागू किया जाएगा, ताकि हर साल कुछ न कुछ सुधार दिखे। जबकि अंतिम लक्ष्य 2035 तक पंजाब को बिजली कट से पूरी तरह मुक्त करना है।लोगों को 2026 की गर्मियों से पहले बड़े शहरों में बदलाव दिखना शुरू हो जाएगा। ये काम चरणबद्ध होगा, लेकिन अगर योजना पर सही तरीके से अमल हुआ, तो पंजाब बिजली संकट से उबर सकता है। सरकार का दावा बड़ा है, लेकिन रोडमैप और ज़मीनी तैयारियां भी गंभीर लग रही हैं। अब देखना ये होगा कि क्या पंजाब वाकई अगले कुछ सालों में 24 घंटे बिजली वाली स्थिति में पहुंच सकेगा या ये भी एक चुनावी वादा बनकर रह जाएगा।