Digital India के 10 साल: अब हर Bhartiy की ताकत बन चुका है Digital India

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने डिजिटल इंडिया मिशन के 10 साल पूरे होने पर एक बड़ा संदेश देश को दिया। उन्होंने बताया कि कैसे 2014 में शुरू हुआ यह मिशन आज एक जन आंदोलन बन चुका है। पहले लोग सोचते थे कि भारत जैसे बड़े और विविध देश में तकनीक सिर्फ अमीरों तक सीमित रहेगी, लेकिन आज भारत का हर आम नागरिक डिजिटल तरीके से जुड़ चुका है।

2014 से शुरू हुई डिजिटल यात्रा

प्रधानमंत्री मोदी ने बताया कि 2014 में जब डिजिटल इंडिया की शुरुआत हुई, तब देश में इंटरनेट की पहुंच सीमित थी, लोग डिजिटल चीजों को लेकर अनजान थे और सरकारी सेवाएं ऑफलाइन ही मिलती थीं। लेकिन अब हालात पूरी तरह बदल चुके हैं।

आज हर क्षेत्र में है डिजिटल इंडिया

  • अब भारत में 97 करोड़ से ज्यादा इंटरनेट कनेक्शन हैं।
  • देश के दूर-दराज के गांवों तक 42 लाख किलोमीटर ऑप्टिकल फाइबर केबल बिछाई गई है।
  • 5G नेटवर्क की रफ्तार दुनिया में सबसे तेज है – सिर्फ 2 साल में 4.81 लाख बेस स्टेशन लग चुके हैं।
  • अब इंटरनेट गलवन, लद्दाख और सियाचिन जैसे सीमावर्ती इलाकों तक पहुंच चुका है।

यूपीआई ने बदल दिया लेन-देन का तरीका

  • आज भारत में हर साल 100 अरब से ज्यादा डिजिटल ट्रांजैक्शन होते हैं।
  • दुनिया के आधे से ज्यादा रियल टाइम पेमेंट भारत में होते हैं।
  • लोगों को अब बैंक जाने की जरूरत नहीं, मोबाइल से ही पैसे भेजे और मंगाए जा सकते हैं।

DBT ने रोका बिचौलियों का खेल

  • ₹44 लाख करोड़ की सरकारी मदद सीधे लोगों के बैंक खाते में भेजी गई।
  • इससे करीब ₹3.48 लाख करोड़ की लीकेज रोकी गई यानी भ्रष्टाचार में भारी गिरावट आई।

भूमि के रिकॉर्ड भी डिजिटल

  • स्वामित्व योजना के तहत अब तक 2.4 करोड़ प्रॉपर्टी कार्ड जारी किए जा चुके हैं।
  • 6.47 लाख गांवों को डिजिटल मैप किया गया है।

देश के छोटे दुकानदारों और कारोबारियों को फायदा

  • ONDC जैसे प्लेटफॉर्म की मदद से अब बनारसी बुनकर और नगालैंड के कारीगर देशभर में सामान बेच रहे हैं।
  • अब तक 20 करोड़ से ज्यादा ऑर्डर ONDC के जरिए पूरे हो चुके हैं।
  • GEM (गवर्नमेंट ई-मार्केटप्लेस) पर अब कोई भी सरकारी विभाग को सामान बेच सकता है।
  • इस पर 22 लाख से ज्यादा विक्रेता हैं, जिनमें 1.8 लाख महिलाएं शामिल हैं।

भारत का डिजिटल मॉडल अब ग्लोबल ब्रांड

  • आधार, कोविन, डिजिलॉकर, फास्टैग, पीएम-वानी जैसे डिजिटल प्लेटफॉर्म अब दुनिया में पहचान बना चुके हैं।
  • CoWIN की मदद से 220 करोड़ से ज्यादा वैक्सीनेशन सर्टिफिकेट जारी हुए।
  • DigiLocker में 775 करोड़ से ज्यादा डॉक्युमेंट्स सुरक्षित हैं और इसके 54 करोड़ यूजर्स हैं।

भारत बन रहा है सस्ता और तेज AI हब

  • भारत सरकार ने ₹1.2 अरब डॉलर के AI मिशन की शुरुआत की है।
  • देश में 34,000 GPU सिर्फ 1 डॉलर प्रति घंटा से भी कम कीमत पर उपलब्ध कराए गए हैं।
  • यह दुनिया की सबसे किफायती AI सेवा है।
  • AI सेंटर ऑफ एक्सीलेंस पूरे भारत में बनाए जा रहे हैं।

स्टार्टअप इंडिया की ताकत

  • आज भारत में 1.8 लाख से ज्यादा स्टार्टअप हैं।
  • यह सिर्फ बिजनेस का नहीं, बल्कि टेक्नोलॉजी में नए युग की शुरुआत है।

प्रधानमंत्री ने कहा, डिजिटल इंडिया अब सिर्फ सरकारी योजना नहीं, बल्कि हर नागरिक की ताकत है। यह आत्मनिर्भर भारत की नींव है और दुनिया अब अगली डिजिटल क्रांति के लिए भारत की ओर देख रही है।”

डिजिटल इंडिया ने भारत को गांव से लेकर ग्लोबल स्तर तक एक नई पहचान दी है। अब तकनीक सिर्फ सुविधा नहीं, बल्कि सशक्तिकरण का जरिया बन चुकी है। आने वाला दशक और भी ज्यादा डिजिटल, ज्यादा स्मार्ट और ज्यादा भारतीय होगा।

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