आम आदमी पार्टी के नेता और प्रवक्ता नील गर्ग ने कहा है कि मुख्यमंत्री भगवंत मान के नेतृत्व में पंजाब सरकार द्वारा चलाया जा रहा “युद्ध नशयां विरुद्ध” अब जमीनी स्तर पर असर दिखाने लगा है। उन्होंने बताया कि अब तक करीब 7,000 गांवों में नशा विरोधी कार्यक्रम किए जा चुके हैं और 4,500 से ज्यादा गांव खुद को पूरी तरह नशा मुक्त घोषित कर चुके हैं।
नील गर्ग ने बताया कि इन गांवों में एंटी ड्रग सेमिनार कराए गए, जहां ग्रामीणों ने शपथ ली कि वे अपने गांवों में नशे को न बेचने देंगे, न चलने देंगे और न ही किसी को करने देंगे। उन्होंने कहा कि यह सब मुख्यमंत्री मान की मजबूत इच्छाशक्ति और लोगों के सहयोग से ही संभव हो पाया है।
नील गर्ग ने कांग्रेस नेता राजा वड़िंग पर निशाना साधते हुए कहा कि कुछ नेता कहते हैं कि पंजाब कभी नशा मुक्त नहीं हो सकता, जबकि मान सरकार दिन-रात मेहनत कर रही है और बड़े-बड़े नशा तस्करों को जेल के पीछे भेज रही है। उन्होंने कहा, “अगर इरादे मजबूत हों, तो कोई भी काम नामुमकिन नहीं होता।”
गर्ग ने बताया कि सरकार ने नशे की सप्लाई चेन को तोड़ने के लिए सख्त कदम उठाए हैं। अब हालात ऐसे हैं कि या तो ड्रग माफिया पंजाब छोड़ रहे हैं या पुलिस की गिरफ्त में आ चुके हैं। साथ ही हर गली, मोहल्ले और गांव में जागरूकता अभियान चलाए जा रहे हैं ताकि युवाओं को नशे से दूर किया जा सके।
नील गर्ग ने यह भी कहा कि सरकार सिर्फ नशे से लड़ ही नहीं रही, बल्कि युवाओं को खेलों की तरफ मोड़ने के लिए भी बड़े कदम उठा रही है। उन्होंने बताया कि अगले 6 महीनों में राज्य के अलग-अलग गांवों में 3,000 खेल मैदान बनाए जाएंगे ताकि युवा खेलों में व्यस्त रहें और स्वस्थ जीवन जी सकें। इसके अलावा, युवाओं को रोज़गार के अवसर भी दिए जा रहे हैं।
उन्होंने कहा कि नशा करने वाले युवा अपराधी नहीं, बल्कि मरीज हैं और सरकार उन्हें इलाज और परामर्श के ज़रिए समाज की मुख्यधारा में लाने की कोशिश कर रही है।
अंत में नील गर्ग ने कहा कि पिछली कांग्रेस और अकाली-भाजपा सरकारों ने नशा तस्करों को राजनीतिक संरक्षण दिया, लेकिन आप सरकार ऐसे लोगों के खिलाफ बिना किसी दबाव के कार्रवाई कर रही है। अब पंजाब बदलाव की राह पर है, और मुख्यमंत्री भगवंत मान का “नशा मुक्त और रंगला पंजाब” का सपना जल्द ही सच्चाई में बदलेगा।