पंजाब के मुख्यमंत्री भगवंत मान ने एक बार फिर शिरोमणि अकाली दल के नेता बिक्रम सिंह मजीठिया पर सीधा हमला बोला है। उन्होंने कहा कि मजीठिया को जेल में किसी भी तरह की विशेष सुविधा नहीं दी जाएगी, यहां तक कि तकिया भी नहीं मिलेगा। मान ने साफ कहा कि यह कोई राजनीतिक बदले की भावना नहीं है, लेकिन जेल के नियमों के मुताबिक ही सुविधा दी जाएगी।
सीएम मान पंजाब विधानसभा के विशेष सत्र के आखिरी दिन नशे के मुद्दे पर बोल रहे थे। उन्होंने कहा, “जो लोग पंजाब के युवाओं को नशे की आग में झोंकने के जिम्मेदार हैं, वे किसी भी तरह की सहूलियत के लायक नहीं हैं।”
मजीठिया पर गंभीर आरोप
भगवंत मान ने आरोप लगाया कि मजीठिया और उनके जैसे नेताओं ने अपनी संपत्तियाँ नशे के धंधे से बनाई हैं। उन्होंने कहा कि राज्य की जांच एजेंसियों ने ऐसे कई सबूत जुटाए हैं और अब ऐसे लोगों को सख्त से सख्त सजा दी जाएगी।
पंजाब विजिलेंस ब्यूरो ने 25 जून को बिक्रम सिंह मजीठिया को 540 करोड़ रुपए के कथित “ड्रग मनी” के लेन-देन और अवैध संपत्ति मामले में गिरफ्तार किया था। इस समय वे नाभा जेल में न्यायिक हिरासत में हैं।
नशा तस्करी और नेताओं की भूमिका
सीएम मान ने कहा कि कुछ अमीर नेताओं ने ना सिर्फ नशे के व्यापार को संरक्षण दिया बल्कि सरकारी गाड़ियों से ड्रग्स सप्लाई भी करवाई। उन्होंने कहा, “सत्ता, पिंडी, भोला कौन थे? उन्हें सरकारी गाड़ियों में क्यों ले जाया जाता था?”
उन्होंने आगे कहा कि नाभा जेल आज “चिट्टे” का पर्याय बन चुकी है, क्योंकि वही लोग जो इस नशे को पंजाब में लेकर आए थे, अब वहीं बंद हैं।
मजीठिया परिवार पर इतिहास से जुड़ा आरोप
भगवंत मान ने मजीठिया के पूर्वजों पर भी सवाल उठाए। उन्होंने कहा कि “जिन्होंने जलियांवाला बाग हत्याकांड की रात जनरल डायर को डिनर पर बुलाया, वो पंजाब के साथ गद्दारी थी।” मान ने कहा कि डायर को बाद में स्वर्ण मंदिर में सिरेापा भी दिया गया, यह सब सिर्फ अपनी स्वार्थपूर्ति के लिए किया गया।
पंजाब की छवि को बदनाम करने की साजिश
सीएम ने कहा कि पंजाब को ड्रग्स के नाम पर बदनाम किया जा रहा है, जबकि राज्य में नशे का उत्पादन तक नहीं होता। उन्होंने बताया कि हाल ही में पंजाब पुलिस ने गुजरात और राजस्थान से भारी मात्रा में ड्रग्स बरामद किए हैं।
उन्होंने कहा, “कुछ ताकतें पंजाब की मेहनती जनता को बदनाम करने की साजिश कर रही हैं।”
सरकार की कार्रवाई और रणनीति
मान ने बताया कि मजीठिया के खिलाफ कार्रवाई में देरी इसलिए हुई क्योंकि सरकार पहले सप्लाई चेन को तोड़ना चाहती थी। उन्होंने कहा कि मरीजों को अचानक ड्रग्स से अलग करने पर उन्हें withdrawal हो सकता था, इसलिए पहले OOAT क्लिनिक और रिहैब सेंटर शुरू किए गए। फिर पता चला कि पुलिस के कुछ लोग भी इस धंधे में शामिल हैं।
उन्होंने कहा, “कुछ मुंशी तक रेड की सूचना पहले से दे देते थे। लेकिन अब हालात बदल चुके हैं और सरकार ने नशे के धंधे की रीढ़ तोड़ दी है।”
मुख्यमंत्री भगवंत मान ने विधानसभा में मजीठिया पर तीखा हमला बोलते हुए साफ कर दिया कि सरकार किसी भी आरोपी को बख्शने वाली नहीं है। उन्होंने दोहराया कि पंजाब को नशे से मुक्त करना सरकार की प्राथमिकता है और दोषियों को किसी तरह की राहत नहीं दी जाएगी।