पंजाब यूनिवर्सिटी (PU) को लेकर पिछले कुछ समय से सियासी हलचल तेज है। केंद्र सरकार की ओर से यूनिवर्सिटी की सीनेट और सिंडिकेट को भंग करने की कोशिश, बाद में नोटिफिकेशन वापस लेना, छात्र संगठनों का विरोध, और अब पार्टियों की बयानबाज़ी—सब कुछ इस मुद्दे को बड़ा बना रहा है।
इसी बीच आम आदमी पार्टी (AAP) के वरिष्ठ नेता और महासचिव बलतेज पन्नू ने शिरोमणि अकाली दल (बादल) पर बड़ा हमला बोला है। उनका कहना है कि अकाली दल इस पूरे मुद्दे पर दोहरे मापदंड अपना रहा है और जनता को गुमराह करने की कोशिश कर रहा है।
अकाली दल का पुराना रिकॉर्ड सामने लाया पन्नू ने
पन्नू ने दावा किया कि जब पंजाब में अकाली-भाजपा की सरकार थी, तब उन्होंने खुद लिखित रूप में “नो ऑब्जेक्शन” दिया था कि PU को Central University बनाया जा सकता है।
यानी पंजाब सरकार को उस समय कोई आपत्ति नहीं थी।
लेकिन अब जब यह मसला फिर से चर्चा में है, सुखबीर सिंह बादल यूनिवर्सिटी जाकर कह रहे हैं कि वे “पंजाब यूनिवर्सिटी को बचाने की लड़ाई लड़ेंगे।”
पन्नू ने इसे “घोर पाखंड” और “पॉलिटिकल ड्रामा” बताया।
उन्होंने तंज कसते हुए कहा—
“जो लोग कल तक यूनिवर्सिटी को केंद्र के हवाले करने की तैयारी कर रहे थे, आज वही इसे बचाने के नाटक में लगे हुए हैं।”
केंद्र सरकार की कार्रवाई और पीछे हटना
पंजाब यूनिवर्सिटी को लेकर विवाद तब बढ़ा जब केंद्र सरकार ने—
- सीनेट और सिंडिकेट को भंग करने की अधिसूचना जारी की
- PU के प्रशासनिक ढांचे में बड़े बदलाव का संकेत दिया
इसके बाद पंजाब सरकार, छात्र संगठनों और कई राजनीतिक पार्टियों ने इसका विरोध किया।
मुख्यमंत्री भगवंत मान ने इसे “धक्केशाही” बताया और कहा कि जरूरत पड़ी तो कोर्ट जाएंगे।
विरोध बढ़ने पर बाद में केंद्र ने यह नोटिफिकेशन वापस ले लिया।
अकाली दल की बदलती बयानबाज़ी पर सवाल
AAP का आरोप है कि—
- अकाली दल पहले PU को Central University बनाने की मंजूरी दे चुका है
- आज वही पार्टी जनता के बीच यह दिखा रही है कि वह यूनिवर्सिटी को “बचाना” चाहती है
- यह सब “राजनीतिक जमीन” तलाशने के लिए हो रहा है
स्टूडेंट्स और कई शिक्षकों का भी कहना है कि यह मुद्दा लगातार राजनीतिक लाभ के लिए इस्तेमाल किया जा रहा है।
SYL से कृषि कानूनों तक — पन्नू ने पुराने मुद्दों को भी घेरा
बलतेज पन्नू यहीं नहीं रुके। उन्होंने अकाली दल पर कई गंभीर आरोप लगाए—
- SYL नहर के मामले में अकाली दल ने “पंजाब के हितों के खिलाफ जाकर” मंजूरी दी थी
- कृषि कानूनों को लेकर भी अकाली दल पहले BJP के साथ खड़ा हुआ
- बाद में किसानों के विरोध के दबाव में इस्तीफा देकर “ड्रामा” किया
- पंजाब के पानी, जमीन और संस्थानों को निजी फायदे के लिए दांव पर लगाया
AAP नेता का कहना है कि पंजाब आज जिन समस्याओं का सामना कर रहा है, उनमें बड़ी भूमिका इन “पारंपरिक पार्टियों” की है।
PU विवाद की पूरी तस्वीर — अब तक क्या-क्या हुआ
- केंद्र ने PU की सीनेट-सिंडिकेट खत्म करने की अधिसूचना जारी की
- पंजाब सरकार और छात्रों ने कड़ा विरोध किया
- केंद्र ने विवाद बढ़ने पर नोटिफिकेशन वापस लिया
- छात्र संगठनों ने “PU बचाओ मोर्चा” चलाया
- अकाली दल ने विरोध में हिस्सा लिया, लेकिन AAP ने उनकी पुरानी मंजूरी दिखाकर हमला बोला
- अब पार्टियों में आरोप-प्रत्यारोप तेज हैं
AAP का रुख: PU के फेडरल ढांचे को नहीं छेड़ने देंगे
बलतेज पन्नू ने साफ कहा—
- AAP पंजाब यूनिवर्सिटी के फेडरल ढांचे को किसी भी कीमत पर नहीं छेड़ने देगी
- PU सिर्फ एक यूनिवर्सिटी नहीं है, बल्कि पंजाब का शैक्षणिक, सामाजिक और ऐतिहासिक धरोहर है
- अकाली दल के “झूठ और दोहरे चरित्र” को जनता के सामने रखा जाएगा
पंजाब यूनिवर्सिटी का मसला अब सिर्फ एक शैक्षिक मुद्दा नहीं रहा।
यह पंजाब की राजनीति, पहचान, अधिकार और संघीय ढांचे से जुड़ा विषय बन चुका है।
अकाली दल और AAP के बीच बढ़ती जुबानी जंग से साफ है कि यह विवाद आने वाले समय में और गर्माएगा।

