पंजाब और गुजरात उपचुनाव में मिली जीत के बाद आम आदमी पार्टी (AAP) ने दिल्ली में भव्य समारोह आयोजित कर जीत का जश्न मनाया। कार्यक्रम में पार्टी के राष्ट्रीय संयोजक अरविंद केजरीवाल, पंजाब के मुख्यमंत्री भगवंत मान, मनीष सिसोदिया और गोपाल राय जैसे तमाम बड़े नेता शामिल हुए।
केजरीवाल ने कहा कि इस जीत ने यह साबित कर दिया है कि पंजाब में आम आदमी पार्टी पर जनता का भरोसा लगातार मजबूत हो रहा है और गुजरात में बदलाव की लहर चल पड़ी है। उन्होंने कहा, “यह सिर्फ एक चुनावी जीत नहीं, बल्कि भरोसे और उम्मीद की जीत है।”
मुख्य बातें:
- “नशे के खिलाफ जो जंग पंजाब में छेड़ी गई है, वह पूरे देश के लिए मिसाल है” – केजरीवाल
उन्होंने कहा, “देश में हर जगह नशा बिकता है, लेकिन पंजाब ने जो चोट नशा तस्करों पर मारी है, वो बाकी राज्यों में नहीं दिखती। बड़े-बड़े तस्करों के घरों पर बुलडोज़र चल रहे हैं और चाहे कितने भी बड़े नेता हों, बख्शा नहीं जाएगा।” - 2027 में गुजरात में सरकार बनाएगी ‘आप‘
अरविंद केजरीवाल ने दावा किया कि 2027 के चुनाव में आम आदमी पार्टी गुजरात में सरकार बनाएगी। उन्होंने कहा, “गुजरात की जनता भाजपा के 30 साल पुराने कुशासन से तंग आ चुकी है और बदलाव चाहती है।” - कांग्रेस और भाजपा पर साधा निशाना
केजरीवाल ने कहा कि कांग्रेस और भाजपा एक ही सिस्टम का हिस्सा हैं – “सत्ता से पैसा, पैसे से सत्ता।” उन्होंने बताया कि कांग्रेस पर भरोसा करना अब नामुमकिन हो गया है क्योंकि उसका शीर्ष नेतृत्व भाजपा से मिला हुआ है। - लुधियाना पश्चिम से संजीव अरोड़ा की जीत पर बोले
“यह जीत बताती है कि सत्ता विरोधी नहीं, सत्ता समर्थक लहर चल रही है। पिछले चुनाव से इस बार ज्यादा वोटों के अंतर से जीत हासिल हुई है। इसका मतलब लोग सरकार के काम से खुश हैं।”
केजरीवाल का साफ संदेश:
“देश की राजनीति को साफ-सुथरा और ईमानदार बनाने का सपना हम लेकर आए हैं। जनता अब गुंडों और पैसे वालों से नहीं, ईमानदार और काम करने वालों से उम्मीद करती है।”
उन्होंने नवनिर्वाचित विधायकों संजीव अरोड़ा (लुधियाना पश्चिम) और गोपाल इटालिया (विसावदर) को बधाई देते हुए कहा कि इनकी छवि साफ-सुथरी है और इन्होंने समाज के लिए काफी काम किया है। ऐसी ईमानदार छवि वाले उम्मीदवारों को विधानसभा में भेजना सिर्फ आम आदमी पार्टी ही कर सकती है।
भगवंत मान का बयान:
पंजाब के मुख्यमंत्री भगवंत मान ने कहा, “जब पूरा सिस्टम, पैसा और पुरानी पार्टियां एक साथ हों और उसके बावजूद जीत मिलती है, तो यह साफ होता है कि जनता अब काम की राजनीति को पसंद कर रही है। ‘आप’ ने इस देश में राजनीति को अमीरों और गुंडों के हाथ से निकालकर आम आदमी के हाथ में दिया है।”
विधायकों की प्रतिक्रिया:
संजीव अरोड़ा (लुधियाना पश्चिम):
“मैंने विकास और सकारात्मक सोच के साथ चुनाव लड़ा। पूरे प्रचार में किसी भी विरोधी नेता का नाम नहीं लिया। यह जीत बदलाव और विकास की जीत है।”
गोपाल इटालिया (विसावदर, गुजरात):
“मैंने चुनाव में पैसा नहीं दिया, बस लोगों से कहा कि अगर हम जीतेंगे तो आपका काम करेंगे। जनता ने विचार पर भरोसा जताया। गुजरात बदलाव के मूड में है और अब ‘आप’ को आगे लाना चाहती है।”
नया राजनीतिक संदेश:
यह जीत सिर्फ दो राज्यों की नहीं है, बल्कि एक नई राजनीतिक सोच की जीत है। अरविंद केजरीवाल की ‘काम की राजनीति’ ने देशभर में एक नई दिशा दी है, जहां शिक्षा, स्वास्थ्य, बिजली, पानी जैसे असली मुद्दों पर बात हो रही है।
2027 में ‘आप‘ के लिए सेमीफाइनल साबित होंगे ये चुनाव, ऐसा अरविंद केजरीवाल का दावा है। उनका मानना है कि पंजाब में पार्टी इस बार 100 से ज्यादा सीटें जीतेगी और गुजरात में पहली बार सरकार बनाएगी।