केंद्र सरकार द्वारा हर साल कराए जाने वाले सबसे बड़े स्वच्छता सर्वेक्षण ‘स्वच्छ सर्वेक्षण 2024-25′ के नतीजे हाल ही में घोषित किए गए। इस बार का आयोजन नई दिल्ली के विज्ञान भवन में हुआ, जहां राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू ने विजेताओं को सम्मानित किया। इस समारोह का आयोजन केंद्रीय आवास एवं शहरी कार्य मंत्रालय की ओर से किया गया।
उत्तर प्रदेश की ऐतिहासिक सफलता
इस बार उत्तर प्रदेश ने कई अहम कैटेगरी में टॉप रैंकिंग हासिल कर इतिहास रच दिया है। खास तौर पर राजधानी लखनऊ ने पहली बार 7-स्टार गार्बेज फ्री सिटी (GFC) का दर्जा पाया है। यह उपलब्धि पाने वाला यूपी का यह पहला शहर बन गया है। इसके साथ ही लखनऊ ने 10 लाख से अधिक आबादी वाले शहरों की कैटेगरी में तीसरा स्थान हासिल किया है। इस बेहतरीन प्रदर्शन के लिए लखनऊ को राष्ट्रपति पुरस्कार से सम्मानित किया गया।
इंदौर एक बार फिर नंबर 1
इंदौर ने लगातार आठवीं बार भारत का सबसे साफ शहर बनने का खिताब बरकरार रखा है। हर साल की तरह इस बार भी इंदौर ने स्वच्छता के सभी मापदंडों पर शानदार प्रदर्शन किया और पहले स्थान पर कब्जा जमाया।
अन्य टॉप शहर
- सूरत ने दूसरा स्थान हासिल किया है।
- नवी मुंबई ने तीसरे स्थान पर अपनी जगह बनाई है।
ये दोनों शहर भी शहरी स्वच्छता और बेहतरीन कचरा प्रबंधन के लिए जाने जाते हैं।
3 से 10 लाख आबादी वाले शहरों में नोएडा नंबर वन
इस कैटेगरी में नोएडा ने पहला स्थान प्राप्त किया है।
- चंडीगढ़ दूसरे स्थान पर रहा
- मैसूरु (Mysuru) तीसरे नंबर पर रहा
कुल 4,500+ शहरों का सर्वे
यह स्वच्छ सर्वेक्षण का नौवां संस्करण था, जिसमें देशभर के 4,500 से ज्यादा शहरों का मूल्यांकन किया गया।
सर्वेक्षण में कुल 10 पैरामीटर और 54 इंडिकेटर के आधार पर शहरों की रैंकिंग तय की गई। इन मापदंडों में सफाई व्यवस्था, कचरा प्रबंधन, नागरिक सेवाएं और जनभागीदारी जैसे विषय शामिल थे।
मुख्य बातें संक्षेप में:
- लखनऊ: पहली बार 7-स्टार गार्बेज फ्री सिटी, 10 लाख+ आबादी में तीसरा स्थान
- इंदौर: लगातार 8वीं बार सबसे साफ शहर
- सूरत व नवी मुंबई: क्रमशः दूसरा और तीसरा स्थान
- नोएडा: 3–10 लाख आबादी में देश का सबसे साफ शहर
- चंडीगढ़ और मैसूरु: इस श्रेणी में क्रमशः दूसरा और तीसरा स्थान
- कुल 4,500 से ज्यादा शहरों का सर्वे, स्वच्छता के 54 मानकों पर जांच
यह उपलब्धियां न सिर्फ इन शहरों के प्रशासन की मेहनत को दर्शाती हैं बल्कि लोगों की जागरूकता और भागीदारी का भी परिणाम हैं। सरकार का उद्देश्य है कि 100% गार्बेज फ्री शहरों की ओर भारत को तेजी से बढ़ाया जाए और आने वाले वर्षों में और भी शहर इस लिस्ट में जगह बनाएं।