नगर निगम चंडीगढ़ में नौकरी दिलाने के नाम पर एक युवक से ठगी करने का मामला सामने आया है। खरड़ के रहने वाले एक युवक ने नगर निगम के ड्राइवर और दो अन्य अफसरों पर ढाई लाख रुपये की ठगी का आरोप लगाया है। पीड़ित ने बताया कि उसने ये पैसे अपनी एफडी (Fixed Deposit) तुड़वाकर दिए थे, लेकिन तीन साल बीत जाने के बाद भी न तो उसे नौकरी मिली और न ही पैसे वापस मिले।
कैसे हुई ठगी
खरड़ निवासी गुरप्रीत सिंह जंगू बेरोजगार था और नौकरी की तलाश में था। इसी दौरान उसकी मुलाकात नगर निगम, चंडीगढ़ के मेडिकल विभाग में तैनात ड्राइवर मनप्रीत सिंह से हुई।
मनप्रीत ने गुरप्रीत को भरोसा दिलाया कि वह उसे निगम में नौकरी दिला सकता है। इसके बदले उसने 3 लाख रुपए की मांग की। बाद में बात ढाई लाख रुपए (₹2.5 लाख) में तय हुई।
गुरप्रीत ने अक्टूबर 2022 में पहले ₹50,000 नकद दिए और अपनी शैक्षणिक योग्यता से जुड़े सभी डॉक्युमेंट्स भी सौंप दिए। इसके बाद बाकी ₹2 लाख रुपए एक अन्य व्यक्ति के खाते में ट्रांसफर करवा लिए गए।
अब फोन भी नहीं उठाते आरोपी
गुरप्रीत के मुताबिक, पैसे देने के बाद उसे लगातार नौकरी दिलाने का भरोसा दिलाया गया, लेकिन जब महीनों बीत गए और कोई जवाब नहीं मिला, तो उसने बार-बार संपर्क करने की कोशिश की।
शुरुआत में आरोपी मनप्रीत सिंह “थोड़ा और इंतजार करो” कहकर बात टालता रहा। बाद में उसने फोन उठाना ही बंद कर दिया।
अब करीब तीन साल बीत चुके हैं, लेकिन गुरप्रीत को न नौकरी मिली और न ही उसकी मेहनत की कमाई वापस की गई।
पीड़ित ने दी शिकायत
जब बात काफी बढ़ गई, तो पीड़ित ने एसएसपी चंडीगढ़ पुलिस को पूरी घटना की लिखित शिकायत दी है।
गुरप्रीत का कहना है कि उसने ये पैसे अपनी एफडी तुड़वाकर बड़ी उम्मीद से दिए थे ताकि उसे एक सरकारी नौकरी मिल सके। लेकिन अब वह खुद को पूरी तरह से ठगा हुआ महसूस कर रहा है।
मेयर ने कही सख्त कार्रवाई की बात
इस पूरे मामले पर चंडीगढ़ की मेयर हरप्रीत कौर बबला ने कहा कि नौकरी दिलाने के नाम पर पैसे लेना पूरी तरह से गलत है।
“ऐसे किसी भी केस में अगर नगर निगम का कोई अधिकारी शामिल पाया गया तो उसके खिलाफ सख्त कार्रवाई की जाएगी। पुलिस जांच कर रही है और हम अपने स्तर पर भी मामले की जांच करवा रहे हैं।”
मामले की खास बातें (Highlights)
- खरड़ के गुरप्रीत सिंह से नौकरी के नाम पर ₹2.5 लाख की ठगी
- आरोपी: नगर निगम के मेडिकल विभाग का ड्राइवर और दो अन्य अधिकारी
- रकम देने के लिए पीड़ित ने एफडी तुड़वाई
- तीन साल बाद भी न नौकरी मिली, न पैसे लौटे
- मामला अब एसएसपी चंडीगढ़ पुलिस के पास
- मेयर हरप्रीत कौर बबला ने कहा – “जांच जारी है, दोषी बख्शे नहीं जाएंगे”