भाखड़ा नहर से पानी के बंटवारे को लेकर हरियाणा और Punjab सरकार के बीच पिछले तीन दिनों से तनाव बना हुआ है। इसी मुद्दे पर आम आदमी पार्टी सरकार ने चंडीगढ़ स्थित पंजाब भवन में सर्वदलीय बैठक बुलाई, जो अब समाप्त हो चुकी है। बैठक में सभी विपक्षी दलों को बुलाया गया था, लेकिन भारतीय जनता पार्टी को छोड़कर अन्य पार्टियों के शीर्ष नेता शामिल नहीं हुए।
भाजपा की ओर से प्रदेश अध्यक्ष सुनील जाखड़ बैठक में पहुंचे, जबकि बाकी दलों ने अपने प्रतिनिधि भेजे। बैठक के दौरान मुख्यमंत्री भगवंत मान ने सभी नेताओं को राज्य में पानी की स्थिति की जानकारी दी। बैठक के बाद मुख्यमंत्री भगवंत मान अब प्रेस कॉन्फ्रेंस कर रहे हैं।
Punjab CM भगवंत मान की प्रेस कॉन्फ्रेंस से जुड़े अपडेट्स…
CM भगवंत मान ने कहा- लगभग दो घंटे चली मीटिंग में सभी ने पानी के संकट पर अपनी राय रखी है। Punjab के पानी को एक फरमान के माध्यम से हरियाणा को देने का फैसला लिया गया । अधिकारियों को बदल दिया गया। ऑल पार्टी मीटिंग में सबने इसकी निंदा की।
सीएम ने कहा- अकाली दल के कार्यकारी प्रधान बलविंदर सिंह भूदड़ और भाजपा के प्रदेश अध्यक्ष सुनील जाखड़ के अलावा BSP और कांग्रेस ने भी सरकार का साथ दिया है। वे इस मौके राजनीति से ऊपर उठकर Punjab के साथ खड़े है। यह मौका राजनीति का नहीं है।
सोमवार को स्पेशल सेशन 12 बजे बुलाया गया है। इसके लिए गवर्नर की मंजूरी मिली गई है। मीटिंग में प्रधानमंत्री से मिलने का सुझाव आया है। सभी सुझाव नोट कर लिए हैं। सोमवार को विधानसभा के स्पेशल सेशन में इस पर चर्चा होगी।
सीएम ने कहा कि प्यार से पंजाबियों से जान ले लो, लेकिन पानी लेने का तरीका उचित नहीं है। हमारी तरफ से कोशिश की जाएगी कि भविष्य में ऐसी स्थिति न बने।
वहीं इसको लेकर हरियाणा सरकार हाईकोर्ट में भी जाने की तैयारी कर रही है। सूत्रों के मुताबिक एडवोकेट जनरल को ड्राफ्ट बनाने के लिए कहा गया है। हरियाणा की जल संसाधन एवं सिंचाई मंत्री श्रुति चौधरी ने कहा Punjab सरकार के रवैये पर कड़ा एतराज जताया है।
मंत्री श्रुति चौधरी की 3 अहम बातें…
दिल्ली से सरकार गई तो तमाशा कर रहे: श्रुति चौधरी ने कहा- दिल्ली में जब आम आदमी पार्टी (AAP) की सरकार थी तब तक Punjab सरकार की ओर से पानी नहीं रोका गया अब जब दिल्ली आम आदमी पार्टी के पास नहीं है तब ऐसा तमाशा कर रहे हैं।
मान सरकार आम लोगों को परेशान न करे: श्रुति ने कहा- हरियाणा को उसके हक का पानी मिलना चाहिए। हर साल जैसी व्यवस्था थी, अब भी वैसी ही है तो फिर Punjab सरकार की ओर से ऐसा ड्रामा क्यों किया जा रहा है। भगवंत मान सरकार को समझना चाहिए कि वे आम लोगों को परेशान ना करें।
Punjab CM ने पद की गरिमा नहीं रखी: श्रुति चौधरी ने आगे कहा- दिल्ली में केजरीवाल ने जल में जहर मिलाने की बात कही थी, उसी राह पर चलते हुए भगवंत मान ने अपने पद की गरिमा ना रखते हुए पानी रोकने का काम किया गया। यह पानी पूरी तरह से बीबीएमबी का है। यही पानी हरियाणा से दिल्ली और राजस्थान भी जाता है फिर वापिस पंजाब भी आता है।
पानी विवाद से जुड़े 2 बड़े अपडेट्स…
- केंद्रीय गृह मंत्रालय ने चीफ सेक्रेटरी बुलाए: केंद्रीय गृह मंत्रालय ने इस मुद्दे पर आज नई दिल्ली में मीटिंग बुलाई है। थोड़ी देर में यह मीटिंग होने वाली है। इसमें Punjab , हरियाणा, राजस्थान व हिमाचल के मुख्य सचिव बुलाए गए हैं। Punjab के मुख्य सचिव के छुट्टी पर होने के चलते गृह विभाग के अतिरिक्त मुख्य सचिव आलोक शेखर व जल विभाग के प्रमुख सचिव कृष्ण कुमार मीटिंग में शामिल हो रहे हैं।
- हरियाणा में अधिकारियों के हेडक्वार्टर छोड़ने पर रोक: वहीं हरियाणा में पानी के संकट को देखते हुए लोक निर्माण मंत्री रणबीर गंगवा ने सभी जिलों में तैनात एसई, एक्सईन, एसडीओ और जेई को किसी भी हालत में हेडक्वार्टर ना छोड़ने को कहा है। उन्होंने आदेश दिया कि जहां पानी की किल्लत है, वहां दूसरी जगह से पानी लेकर उपलब्ध कराएं। अधिकारियों ने मंत्री को बताया कि हिसार, सिरसा, महेंद्रगढ़, नारनौल और फतेहाबाद में दिक्कत ज्यादा है। पेयजल की राशनिंग की जा रही है।
हरियाणा और पंजाब में पानी के विवाद की वजह क्या..
बता दें कि Punjab ने करीब 18 दिन से भाखड़ा नहर से हरियाणा को मिलने वाले साढ़े 8 हजार क्यूसिक पानी को घटाकर 4 हजार क्यूसिक कर दिया। पंजाब के CM भगवंत मान ने कहा कि हरियाणा अपने कोटे का पानी मार्च में ही खत्म कर चुका है। वह 4 हजार क्यूसिक भी मानवता के आधार पर दे रहे हैं।