आम आदमी पार्टी (AAP) के राष्ट्रीय संयोजक अरविंद केजरीवाल और पंजाब के मुख्यमंत्री भगवंत सिंह मान ने आज श्री गुरु तेग़ बहादर जी के 350वें शहादत दिवस के अवसर पर आयोजित कीर्तन दरबार में शामिल होकर गुरु साहिब को नमन किया। यह कार्यक्रम गुरुद्वारा रकाब गंज साहिब (नई दिल्ली) में पंजाब सरकार की ओर से आयोजित किया गया था।
कार्यक्रम में शामिल होकर दोनों नेताओं ने कहा कि गुरु तेग़ बहादर जी का जीवन, उनके विचार और उनकी शहादत पूरी मानवता के लिए एक प्रकाशस्तंभ हैं, जो हमें सिखाते हैं कि सच्चाई और धर्म के लिए खड़ा होना ही सबसे बड़ा साहस है।
अरविंद केजरीवाल बोले — गुरु तेग़ बहादर जी का बलिदान मानवता के लिए मिसाल
अरविंद केजरीवाल ने कहा कि पंजाब सरकार के लिए यह गर्व की बात है कि उसे गुरु तेग़ बहादर जी जैसे महान संत और शहीद को समर्पित यह स्मृति समारोह आयोजित करने का अवसर मिला।
उन्होंने बताया कि जब मुगल शासकों ने हिंदुओं को जबरन धर्म परिवर्तन के लिए मजबूर किया, तब कश्मीरी पंडित अपने धर्म की रक्षा के लिए गुरु तेग़ बहादर जी के पास पहुंचे। गुरु जी ने अत्याचार के आगे झुकने से इनकार किया और धर्म और मानवता की रक्षा के लिए अपनी जान न्योछावर कर दी।
केजरीवाल ने कहा कि 1675 में दिल्ली में गुरु जी को शहीद किया गया, और उन्हें आज पूरी दुनिया में ऐसे पहले शहीद के रूप में जाना जाता है जिन्होंने मानवाधिकारों की रक्षा के लिए बलिदान दिया। उन्होंने कहा कि गुरु जी की शहादत ने सिखों में निडरता, आत्म-सम्मान और न्याय के लिए खड़े होने की भावना को और मजबूत किया।
उन्होंने गुरु जी के साथ शहीद हुए भाई मति दास, भाई सती दास और भाई दियाला जी के बलिदान का भी उल्लेख किया —
भाई मति दास जी को जिंदा आरे से काटा गया,
भाई सती दास जी को कपड़े में लपेटकर जला दिया गया,
और भाई दियाला जी को पानी में उबालकर शहीद किया गया।
केजरीवाल ने भाई जैता जी और भाई लखी शाह वणजारा जी को भी श्रद्धांजलि दी, जिन्होंने गुरु साहिब के पार्थिव शरीर और सिर को सुरक्षित स्थान तक पहुँचाने के लिए अपनी जान जोखिम में डाली।
उन्होंने कहा, “सिख इतिहास शहादतों से भरा हुआ है। सिख कभी अन्याय या अत्याचार के सामने नहीं झुके। उन्होंने अपने प्राण तो दे दिए लेकिन अपने सिद्धांत नहीं छोड़े।”
मुख्यमंत्री भगवंत मान बोले — शहादत की भावना हमारे खून में है
मुख्यमंत्री भगवंत सिंह मान ने कहा कि गुरु तेग़ बहादर जी और उनके परिवार का बलिदान सिर्फ एक धर्म के लिए नहीं, बल्कि पूरी मानवता और सच्चाई के लिए था। उन्होंने कहा कि गुरु जी की शहादत के 24 साल बाद 1699 में श्री आनंदपुर साहिब की धरती पर खालसा पंथ की स्थापना हुई, जिसने दुनिया को एकता, साहस और मानवता का संदेश दिया।
मान ने कहा, “पंजाबी लोगों को अत्याचार के खिलाफ खड़े होने की भावना हमारे गुरुओं से मिली है। बलिदान हमारी रगों में है और हम अपनी इस महान विरासत पर गर्व महसूस करते हैं।”
उन्होंने कहा कि पंजाब सरकार गुरु जी के दर्शन और शिक्षाओं को जन-जन तक पहुंचाने के लिए देशभर में कार्यक्रम करवा रही है।
पंजाब सरकार की ओर से शहादत दिवस के विशेष कार्यक्रम
मुख्यमंत्री मान ने बताया कि गुरु तेग़ बहादर जी के जीवन और शिक्षाओं को लोगों तक पहुंचाने के लिए नवंबर महीने में कई कार्यक्रम आयोजित किए जाएंगे —
- 1 से 18 नवम्बर: पंजाब के सभी जिलों में लाइट एंड साउंड शो होंगे, जिनमें गुरु जी के जीवन और दर्शन को दिखाया जाएगा।
- 18 नवम्बर: श्रीनगर (जम्मू-कश्मीर) में भव्य कीर्तन दरबार।
- 19 नवम्बर: नगर कीर्तन, जिसमें सैकड़ों कश्मीरी पंडित शामिल होंगे।
- 20 नवम्बर: तख्त श्री दमदमा साहिब (तलवंडी साबो), फरीदकोट, और गुरदासपुर से तीन नगर कीर्तन शुरू होंगे।
- 22 नवम्बर: सभी नगर कीर्तन श्री आनंदपुर साहिब में संपन्न होंगे।
- 23 से 25 नवम्बर: श्री आनंदपुर साहिब में बड़े स्तर पर कार्यक्रम, प्रदर्शनियाँ, ड्रोन शो, और सर्वधर्म सम्मेलन आयोजित किए जाएंगे।
- 24 नवम्बर: पंजाब विधानसभा का विशेष सत्र श्री आनंदपुर साहिब में होगा, जहाँ गुरु जी के जीवन और शिक्षाओं पर चर्चा की जाएगी।
मुख्यमंत्री ने बताया कि श्रद्धालुओं के ठहरने के लिए “चक्क नानकी” नाम की टेंट सिटी बनाई जाएगी, ताकि संगत को किसी प्रकार की परेशानी न हो।
कार्यक्रम में शामिल रहे कई प्रमुख नेता
इस अवसर पर पंजाब सरकार के कई मंत्री और नेता मौजूद रहे, जिनमें —
अमन अरोड़ा, हरजोत सिंह बैंस, गुरमीत सिंह खुड्डियां, हरभजन सिंह (E.T.O.), तरुनप्रीत सिंह सौंद, लाल चंद कटारुचक्क, मोहिंदर भगत, बरिंदर गोयल,
लोकसभा सदस्य डॉ. राज कुमार चब्बेवाल, गुरमीत सिंह मीत हेयर और मालविंदर सिंह कंग,
राज्यसभा सदस्य विक्रमजीत सिंह साहनी,
पर्यटन एवं सांस्कृतिक मामलों के सलाहकार दीपक बाली,
और मुख्य सचिव के. ए. पी. सिन्हा शामिल रहे।
यह आयोजन सिर्फ एक धार्मिक कार्यक्रम नहीं, बल्कि धर्म, मानवता और एकता का संदेश देने वाला ऐतिहासिक अवसर है।
गुरु तेग़ बहादर जी की शहादत ने हमें सिखाया कि सत्य और न्याय के लिए खड़ा होना ही सबसे बड़ा धर्म है।
उनका जीवन आज भी करोड़ों लोगों को प्रेरणा देता है कि अत्याचार के आगे झुकने की बजाय, सच और इंसानियत की राह पर चलना ही सच्ची जीत है।

