पंजाब के मुख्यमंत्री भगवंत मान ने किसानों के लिए एक बड़ा फैसला लिया है। राज्य में इस साल धान (चावल) की फसल की खरीद तेजी से हो रही है और सरकार ने वादा किया है कि किसानों की फसल का हर दाना खरीदा जाएगा। मुख्यमंत्री ने साफ कहा कि किसानों को कोई परेशानी नहीं होने दी जाएगी और हर किसान को समय पर पूरा भुगतान मिलेगा।
इस बार धान की खरीद में कोई रुकावट नहीं आई। सरकारी खरीद केंद्रों पर किसानों की फसल जल्दी खरीदी जा रही है। अधिकारियों को निर्देश दिए गए हैं कि खरीद का काम रुकने न पाए, और इसके लिए पर्याप्त स्टाफ और एजेंसियां तैनात की गई हैं।
खरीद केंद्रों की व्यवस्था
पूरे पंजाब में हजारों खरीद केंद्र खोले गए हैं। इन केंद्रों पर किसानों के बैठने और सुविधा के लिए पानी, शेड और पर्याप्त स्टाफ मौजूद हैं। खरीद केंद्रों की रोज़ाना निरीक्षण और निगरानी की जा रही है। अगर किसी किसान को कोई समस्या आती है, तो जिला स्तर के कंट्रोल रूम में उसकी शिकायत तुरंत निपटाई जाती है।
भुगतान प्रणाली में बदलाव
इस बार किसानों को धान बेचने के 48 घंटे के अंदर पैसा सीधे उनके बैंक खातों में मिल रहा है। पहले किसानों को महीनों इंतजार करना पड़ता था। डिजिटल भुगतान प्रणाली के कारण नकद लेन-देन की झंझट खत्म हुई है और पारदर्शिता (transparency) भी बनी हुई है।
टेक्नोलॉजी का फायदा
सरकार ने एक ऑनलाइन पोर्टल भी शुरू किया है। किसान अपने मोबाइल पर रजिस्ट्रेशन, अपनी बारी और भुगतान की जानकारी आसानी से देख सकते हैं। टोकन सिस्टम के चलते मंडियों में भीड़ कम हो गई है। अब किसान आराम से अपनी बारी का इंतजार करके फसल बेच सकते हैं।

किसानों की खुशी
लुधियाना के किसान हरपाल सिंह कहते हैं, “पहली बार ऐसा हुआ कि हमें कोई तकलीफ नहीं हुई। सब कुछ सही तरीके से हुआ।”
संगरूर के किसान बलविंदर सिंह कहते हैं, “मेरी फसल दो दिन में बिक गई और पैसा तीन दिन में आ गया। यह बहुत बड़ी बात है।”
मुख्यमंत्री का संदेश
भगवंत मान ने कहा, “पंजाब के किसान हमारे अन्नदाता हैं। उनकी मेहनत की कीमत उन्हें पूरी मिलनी चाहिए। हम किसानों के हर दाने की कीमत देंगे और कोई किसान परेशान नहीं होगा। पंजाब की सरकार किसानों के साथ खड़ी है।”
खास ध्यान छोटे किसानों पर
छोटे और सीमांत किसानों को पहले अक्सर परेशानियों का सामना करना पड़ता था। इस बार सरकार ने उन्हें बराबर का सम्मान और सुविधा दी है।
विशेषज्ञों की राय
कृषि विशेषज्ञों का कहना है कि अगर यही व्यवस्था जारी रही, तो पंजाब के किसानों का भविष्य उज्जवल होगा।

