CM योगी आदित्यनाथ ने छोटे किसानों को अधिक आसानी से ऋण उपलब्ध कराने के लिए ‘मुख्यमंत्री कृषक समृद्धि योजना’ के त्वरित क्रियान्वयन के निर्देश दिए हैं। सहकारिता विभाग की समीक्षा बैठक में उन्होंने 5,686 प्राथमिक कृषि ऋण समितियों (पीएसीएस) के आधुनिकीकरण और उनकी सेवाओं की गुणवत्ता सुधारने के लिए आईबीपीएस के जरिये नई भर्ती प्रक्रिया शुरू करने को कहा।
राज्य के सहकारी बैंकों ने 2025 में रिकॉर्ड ₹23,061 करोड़ का ऋण वितरण किया, जो 2017 से 151% अधिक है। आरकेवीवाई के तहत 100 नए गोदामों और 16 जिलों में 24 बड़ी सुविधाओं (500-1000 मीट्रिक टन क्षमता) के साथ भंडारण बुनियादी ढांचे का विस्तार किया जा रहा है। CM ने भंडारण परियोजनाओं में निजी क्षेत्र की भागीदारी और चावल मिल मालिकों को समय पर एमएसपी भुगतान पर जोर दिया।
डिजिटल परिवर्तन की प्रक्रिया आगे बढ़ रही है, जिसमें पहले चरण में 1,539 एम-पैक्स को कम्प्यूटरीकृत किया गया है, तथा सभी सहकारी बैंक सुरक्षित लेनदेन के लिए नाबार्ड के क्लाउड प्लेटफॉर्म पर स्थानांतरित हो रहे हैं। इन पहलों का उद्देश्य नई किसान कल्याण योजना से पहले सहकारी पारिस्थितिकी तंत्र को मजबूत करना है।