पंजाब में मुख्यमंत्री भगवंत सिंह मान की सरकार ने शिक्षा के क्षेत्र में एक ऐसा कदम उठाया है, जो आने वाले समय में हजारों छात्रों की सोच और भविष्य दोनों बदल देगा।
26 नवंबर को पंजाब विधानसभा में पहली बार सरकारी स्कूलों के छात्रों के लिए मॉक सेशन (Mock Session) आयोजित किया जाएगा। यह कार्यक्रम सिर्फ एक दिन की औपचारिकता नहीं, बल्कि युवाओं को लोकतंत्र की असली समझ देने की दिशा में बड़ा कदम है।
क्या है यह मॉक सेशन?
यह “मॉक सेशन” दरअसल एक नकली विधानसभा सत्र (Simulated Assembly Session) होगा, जिसमें छात्र खुद मुख्यमंत्री, मंत्री और विपक्ष के नेता जैसी भूमिकाएं निभाएँगे।
इसका उद्देश्य है कि छात्र समझ सकें कि विधानसभा में सवाल कैसे पूछे जाते हैं, कानून कैसे बनाए जाते हैं, और जनता के प्रतिनिधि कैसे काम करते हैं।
यह अभ्यास बच्चों को नेतृत्व (Leadership) की भावना देगा और उन्हें एक जिम्मेदार नागरिक बनने के लिए प्रेरित करेगा।
कौन-कौन लेगा हिस्सा?
- यह कार्यक्रम सिर्फ सरकारी स्कूलों के 11वीं और 12वीं कक्षा के छात्रों के लिए होगा।
- हर विधानसभा क्षेत्र से एक छात्र चुना जाएगा — यानी कुल 117 छात्र इसमें भाग लेंगे।
- आरक्षित सीटों पर SC (Scheduled Caste) वर्ग के छात्र शामिल किए जाएँगे।
- धूरी हलके से चुना गया छात्र मुख्यमंत्री भगवंत सिंह मान की भूमिका निभाएगा।
- कादिया हलके से चयनित छात्र विपक्ष के नेता की भूमिका में होगा।
- कैबिनेट मंत्रियों के हलकों से आए छात्र मंत्रियों का रोल निभाएँगे।
- जबकि AAP विधायकों के क्षेत्रों से आए छात्र सत्ताधारी बैंचों पर बैठेंगे।
विधानसभा स्पीकर कुलतार सिंह संधवां की भूमिका
पंजाब विधानसभा के स्पीकर स. कुलतार सिंह संधवां इस पूरी पहल को आगे बढ़ा रहे हैं।
उन्होंने हाल ही में सभी ज़िला शिक्षा अधिकारियों के साथ एक Virtual Meeting की, जिसमें हर विधानसभा हलके से एक विद्यार्थी चुनने के निर्देश दिए गए।
उन्होंने बताया कि यह पंजाब विधानसभा में पहली बार है जब विद्यार्थियों के लिए मॉक सेशन आयोजित किया जा रहा है।
स्पीकर ने कहा —
“विद्यार्थियों को राजनीति और कानून बनाने की प्रक्रिया की जानकारी मिलना बहुत ज़रूरी है। जब उन्हें यह समझ होगी कि एक जनप्रतिनिधि कैसे काम करता है, तभी वे भविष्य में सही प्रतिनिधि चुन पाएँगे।”
उन्होंने बताया कि अब तक करीब 2400–2500 सरकारी स्कूलों के छात्र विधानसभा का दौरा कर चुके हैं, लेकिन यह पहला मौका होगा जब वे खुद विधानसभा के सदस्य के रूप में बैठेंगे।
मान सरकार का विज़न
मुख्यमंत्री भगवंत सिंह मान की सरकार की यह सोच दर्शाती है कि शिक्षा केवल किताबों तक सीमित नहीं है।
सरकार का मकसद है कि विद्यार्थी न सिर्फ पढ़े-लिखे हों, बल्कि समाज और राजनीति को समझने वाले “स्मार्ट सिटिज़न” बनें।
यह मॉक सेशन छात्रों को यह अनुभव देगा कि लोकतंत्र का केंद्र आम जनता है, और हर नागरिक की भागीदारी ज़रूरी है।
सरकार मानती है कि “स्मार्ट स्कूल” से भी ज़्यादा ज़रूरी है “स्मार्ट सोच” — और यही सोच इस पहल के पीछे है।
क्यों है यह पहल खास?
- यह मॉक सेशन छात्रों को राजनीति की वास्तविक प्रक्रिया सिखाएगा।
- उन्हें समझ आएगा कि सवाल पूछना, बहस करना और नीतियाँ बनाना लोकतंत्र का अहम हिस्सा है।
- छात्रों को यह अनुभव मिलेगा कि वे भी लोकतंत्र के सक्रिय भागीदार हैं।
- यह कार्यक्रम उनके अंदर आत्मविश्वास और जिम्मेदारी की भावना जगाएगा।
जब कोई सरकारी स्कूल का छात्र विधानसभा की उसी कुर्सी पर बैठेगा, जहाँ बड़े नेता बैठते हैं — तो यह पल उसके लिए अविस्मरणीय होगा। यह उसे यह एहसास दिलाएगा कि लोकतंत्र में हर आम नागरिक की आवाज़ मायने रखती है।
नतीजा — देश के भविष्य में निवेश
यह मॉक सेशन सिर्फ एक दिन की गतिविधि नहीं है, बल्कि यह देश के भविष्य में किया गया एक निवेश है।
यह छात्रों में लीडरशिप, आत्मविश्वास, और जिम्मेदारी की भावना पैदा करेगा।
यह उन्हें यह सिखाएगा कि एक मजबूत लोकतंत्र के लिए हर नागरिक की सक्रिय भागीदारी ज़रूरी है।
26 नवंबर का दिन पंजाब के इतिहास में यादगार बन जाएगा —
जब विधानसभा की सीटों पर बड़े नेता नहीं, बल्कि भविष्य के नेता बैठेंगे!
यह वह दिन होगा जब देश का लोकतंत्र सच में “शिक्षा” के हाथों मजबूत होता दिखेगा।
मान सरकार की यह पहल वाकई सराहनीय है। यह बताती है कि शिक्षा का असली मतलब सिर्फ डिग्री पाना नहीं, बल्कि देश और समाज के प्रति अपनी जिम्मेदारी समझना है।
यह मॉक सेशन लाखों छात्रों के लिए प्रेरणा बनेगा और पंजाब ही नहीं, बल्कि पूरे भारत के लोकतंत्र को नई ऊर्जा देगा।

