गुरुग्राम में महिंद्रा थार गाड़ी के एक मालिक ने हरियाणा के DGP ओपी सिंह को उनके विवादित बयान पर लीगल नोटिस भेज दिया है। DGP ने कुछ दिन पहले प्रेस कॉन्फ्रेंस में कहा था कि “थार और बुलेट से बदमाश चलते हैं… जिसके पास थार होगी उसका दिमाग घूमा हुआ होगा।” यह वीडियो सोशल मीडिया पर वायरल हो गया, जिसके बाद ये मामला और भी बढ़ गया।
अब थार मालिक ने आरोप लगाया है कि इस बयान के चलते उसका और उसके परिवार का मजाक उड़ाया जा रहा है, लोग ताने मार रहे हैं और उसकी सोशल इमेज खराब हो गई है। इसी वजह से उसने अपनी गाड़ी चलाना भी बंद कर दिया।
DGP ने क्या कहा था?
8–9 नवंबर 2025 को गुरुग्राम में एक प्रेस कॉन्फ्रेंस के दौरान हरियाणा DGP ओपी सिंह ने कहा—
- “Police सब गाड़ियों को नहीं पकड़ेगी… सिर्फ Thar और Bullet वालों को पकड़ेंगे।”
- “Thar और Bullet से सारे बदमाश चलते हैं।”
- “जिसके पास Thar होगी… उसका mind-set ही ऐसा होता है।”
- “Thar गाड़ी नहीं, एक statement है… कि हम ऐसे हैं। मजे थोड़े ना होंगे—दादागिरी भी हो और फंसें भी ना?”
इस बयान पर वहां मौजूद कई लोग हंस पड़े और वीडियो तेजी से सोशल मीडिया पर वायरल हो गया।
थार मालिक ने क्यों भेजा नोटिस?
गुरुग्राम के सेक्टर-102 के रहने वाले सर्वो मित्र नाम के व्यक्ति ने अपने वकील वेदांत वर्मा के जरिए DGP को लीगल नोटिस भेजा है।
नोटिस में उन्होंने कई बातें लिखी हैं:
जनवरी 2023 में खरीदी थी 30 लाख की थार
उन्होंने लिखा कि उन्होंने 30 लाख रुपये से ज्यादा देकर Thar LX Hard-Top (HR26-EZ-6161) खरीदी थी।
गाड़ी परिवार और लॉन्ग ड्राइव के लिए ली थी क्योंकि वह मजबूत और आरामदायक है।
बयान के बाद मजाक और ताने शुरू
सर्वो मित्र का कहना है कि DGP के बयान के बाद:
- रिश्तेदार, पड़ोसी और जान-पहचान वाले मजाक उड़ाने लगे
- सोशल मीडिया पर लोग ताने देने लगे
- समाज में उनकी गलत छवि बनने लगी
इस मानसिक दबाव की वजह से उन्होंने थार चलाना बंद कर दिया।
परिवार भी शर्मिंदगी झेल रहा
उन्होंने बताया कि उनके दो बेटे—
एक कॉलेज में पढ़ता है, दूसरा नौकरी करता है।
दोनों को भी लोग चिढ़ाने लगे कि “तुम्हारे पापा भी बदमाशों वाली गाड़ी चलाते हैं?”
उनका कहना है कि DGP का बयान पूरे “थार मालिक समुदाय” को बदनाम करता है।
ये “Group Defamation” है, जो कानून के मुताबिक अपराध माना जाता है।
नोटिस में क्या मांगा गया?
सर्वो मित्र ने DGP OP सिंह से मांग की है कि:
- 15 दिनों के भीतर लिखित में, बिना शर्त माफी मांगें
- अपना बयान वापस लें
अगर ऐसा नहीं हुआ तो वे भारतीय न्याय संहिता (BNS) 2023 की धारा 356 और अन्य प्रावधानों के तहत सिविल और क्रिमिनल केस करेंगे।
इस विवाद पर राजनीति भी गर्म
DGP के बयान के बाद राजनीति भी गरमा गई।
पूर्व उपमुख्यमंत्री दुष्यंत चौटाला ने अपने X (Twitter) पोस्ट में CM नायब सैनी और पूर्व CM मनोहर लाल को टैग करते हुए पूछा:
“क्या आपने कभी थार या बुलेट चलाई है?”
उन्होंने तीन तस्वीरें भी पोस्ट कीं—
- वे खुद बुलेट चलाते हुए
- मनोहर लाल खट्टर बुलेट पर
- राहुल गांधी और तेजस्वी यादव SUV में
ऊपर DGP का बयान लिखा था—
“थार और बुलेट से बदमाश चलते हैं।”
नीचे सवाल—
“तो क्या ये सभी भी…?”
इस पर सोशल मीडिया में खूब बहस हुई।
DGP का पक्ष क्या है?
DGP OP सिंह ने सड़क हादसों और रात-रातभर चलने वाले pub/night-life culture पर सख्त टिप्पणी करते हुए कहा था कि:
- थार और बुलेट वाले कई लोग स्टंट करते हैं
- ड्रिंक-ड्राइव, ओवरस्पीडिंग और नशे में चालन के मामले बढ़ रहे हैं
- इसलिए इन वाहनों पर extra vigilance चाहिए
हालांकि उन्होंने यह स्वीकार नहीं किया कि उनका बयान किसी को व्यक्तिगत रूप से निशाना बनाता है।
विवाद क्यों बढ़ा?
इस मामले में दो बड़े मुद्दे सामने आए—
1.Vehicle Profiling
लोगों का कहना है कि किसी खास गाड़ी को चलाने वालों को “बदमाश” कहना गलत है।
हर Thar मालिक अपराधी नहीं होता।
2. Social Image & Mental Harassment
DGP जैसे उच्च अधिकारी के बयान से लोगों के बीच गलत संदेश जाता है।
कई लोग इसे सोशल स्टिग्मा मान रहे हैं।
आगे क्या हो सकता है?
- DGP माफी मांगते हैं या नहीं—यह देखना होगा।
- अगर मामला कोर्ट जाता है तो यह एक महत्वपूर्ण केस बन सकता है:
क्या किसी अधिकारी का बयान “मानहानि” माना जा सकता है? - इससे “vehicle-based stereotyping” पर भी कानूनी बहस हो सकती है।

