पंजाब में लगातार हो रही बारिश और हिमाचल प्रदेश से आ रहे पानी के कारण नदियों का जलस्तर तेजी से बढ़ रहा है। ऐसे में बाढ़ का खतरा मंडरा रहा है, लेकिन इसके बावजूद राज्य में रेत और बजरी का खनन जारी है। इस पर भारतीय जनता पार्टी (BJP) पंजाब ने भगवंत मान सरकार की कड़ी आलोचना की है।
BJP के प्रदेश प्रवक्ता प्रितपाल सिंह बालियावाल ने कहा कि सरकार ने 1 जुलाई से 30 सितंबर तक लगने वाले वार्षिक मॉनसून माइनिंग बैन को लागू करने में नाकामी दिखाई है। हर साल इस समय खनन पर रोक इसलिए लगाई जाती है ताकि नदी के किनारों का कटाव रोका जा सके, बांधों की सुरक्षा बनी रहे, और लोगों की जान-माल की हिफाजत की जा सके।
लेकिन इस बार AAP सरकार ने इस नियम को गंभीरता से नहीं लिया, और कई जिलों में खनन माफिया खुलेआम रेत-बजरी निकाल रहे हैं। इससे नदियों के बहाव में बदलाव आ सकता है, जो बाढ़ जैसी स्थिति को और भी खतरनाक बना सकता है।
बाढ़ से निपटने की तैयारियों पर भी उठाए सवाल
प्रितपाल सिंह ने सरकार पर आरोप लगाया कि बाढ़ रोकने के लिए जरूरी बांधों और तटबंधों की मरम्मत का काम भी नहीं हुआ है। उन्होंने कहा,
“ये वो समय है जब सरकार को बाढ़ से निपटने के लिए पूरी ताकत से काम करना चाहिए था। लेकिन जमीन पर कुछ होता नजर नहीं आ रहा। सरकार हाथ पर हाथ धरे बैठी है और निचले इलाकों में रहने वाले लोग डरे हुए हैं।”
रेत माफिया के दबाव में सरकार?
BJP नेता ने यह भी सवाल उठाया कि क्या सरकार खनन माफिया के दबाव में काम कर रही है, या फिर AAP पार्टी इतनी घमंडी हो चुकी है कि लोगों की जान खतरे में डालने से भी नहीं हिचक रही। उन्होंने कहा कि सरकार की ये लापरवाही सिर्फ गैरजिम्मेदारी नहीं, बल्कि सीधा खतरा है जनता की सुरक्षा के लिए।
BJP की मांगे:
- मॉनसून के दौरान अवैध खनन तुरंत रोका जाए
- तटबंधों और बांधों की मरम्मत और मजबूती का काम तुरंत शुरू हो
- आपदा प्रबंधन, खनन और जल संसाधन विभागों से जवाब मांगा जाए
प्रितपाल सिंह बालियावाल ने कहा कि सरकार की लापरवाही का खामियाजा आम लोगों को भुगतना पड़ रहा है और अगर समय रहते कदम नहीं उठाए गए, तो इसका अंजाम बेहद खतरनाक हो सकता है।