पंजाब के मुख्यमंत्री भगवंत मान ने 8 जुलाई को ‘मुख्यमंत्री सेहत योजना’ की शुरुआत करते हुए एक बार फिर से राजनीतिक मंच को तीखे तेवरों से गरमा दिया. योजना के शुभारंभ अवसर पर जहां वह जनता से सीधे संवाद में दिखे, वहीं विरोधियों पर भी उन्होंने करारा हमला बोला. खासतौर पर शिरोमणि अकाली दल के नेता बिक्रम मजीठिया को लेकर मान का रुख बेहद आक्रामक नजर आया.
अपने संबोधन में भगवंत मान ने मजीठिया पर कटाक्ष करते हुए कहा, “मैं अब कुछ नहीं बोलूंगा, अब कानून बोलेगा. जो लोग अब तक बड़ी-बड़ी दुहाई देकर बचते रहे हैं, अब उनकी चीखें गिनी नहीं जाएंगी.” उन्होंने कहा कि पंजाब को ड्रग्स की दलदल में धकेलने वालों को अब हर हाल में जवाब देना पड़ेगा. भगवंत मान ने जोर देकर कहा, “जिन्होंने लाखों घरों में सफेद चादरें बिछाईं और रंगीन जिंदगी जीते रहे, अब वे रंगीन सपनों से बाहर आएंगे. सजा यहीं मिलेगी, क्योंकि स्वर्ग और नर्क इसी धरती पर हैं.”
मूंछें तानने की राजनीति पर तंज
सीएम ने बिक्रम मजीठिया के हाल ही के बयानों और तेवरों पर भी टिप्पणी की. उन्होंने मजीठिया के “मूंछें तानने” वाले अंदाज़ को आड़े हाथों लेते हुए कहा, “मूंछें तान लेने से कोई ताकतवर नहीं हो जाता. मूर्खता से ताकत नहीं आती.” भगवंत मान ने कहा कि मजीठिया जैसे नेता मंच से चिल्ला-चिल्लाकर खुद को बेकसूर बताने की कोशिश करते हैं, लेकिन अब जनता गुमराह नहीं होगी.
‘मैं कुछ नहीं, अदालतें बोलेंगी’
सीएम ने साफ कहा कि “मैं कोई फैसला नहीं करता. अगर मैंने ग़लती की है तो मुझे भी सजा मिलनी चाहिए. लेकिन अब अदालतें ही फैसला सुनाएंगी. मैं बस एक जरिया हूँ, कानून अब अपना काम करेगा.”
सेहत योजना के बहाने सियासी संदेश
जहां एक ओर यह कार्यक्रम ‘मुख्यमंत्री सेहत योजना’ के शुभारंभ का था, वहीं दूसरी ओर यह स्पष्ट हो गया कि आम आदमी पार्टी सरकार अब भ्रष्टाचार और ड्रग्स के खिलाफ नरमी नहीं दिखाएगी. मान के भाषण में जनभावनाओं की झलक भी थी और राजनीतिक संदेश भी—कि अब कोई भी ताकतवर नेता कानून से ऊपर नहीं रहेगा. अंत में मंच से जाते हुए सीएम मान ने वाहेगुरु का नाम लेकर पंजाब की जनता को धन्यवाद दिया और यह साफ संकेत दिया कि आने वाले दिनों में सख्त कार्रवाई देखने को मिल सकती है.