उत्तर प्रदेश के मौजूदा मुख्य सचिव मनोज कुमार सिंह 31 जुलाई को रिटायर हो रहे हैं। ऐसे में अब यह सवाल चर्चा में है कि उनके बाद प्रदेश का नया बॉस कौन होगा? यानी अगला मुख्य सचिव (Chief Secretary – CS) कौन बनेगा? इसको लेकर लखनऊ से लेकर दिल्ली तक चर्चाएं तेज हैं।
मुख्य सचिव की रेस में तीन नाम सबसे आगे हैं –
- शशि प्रकाश गोयल (P. Goyal)
- देवेश चतुर्वेदी (Devesh Chaturvedi)
- दीपक कुमार (Deepak Kumar)
तीनों ही वरिष्ठ IAS अफसर हैं और सीएम योगी आदित्यनाथ के करीबी माने जाते हैं।
कौन हैं सबसे मजबूत दावेदार?
- शशि प्रकाश गोयल (S.P. Goyal)
- सीएम योगी के साथ बीते 5 साल से काम कर रहे हैं।
- मुख्यमंत्री कार्यालय (Pancham Tal) की पूरी जिम्मेदारी उन्हीं के पास है।
- राज्य के हर जिले की गहरी जानकारी रखते हैं और ब्यूरोक्रेसी में मजबूत पकड़ है।
- सबसे वरिष्ठ अधिकारी भी वही हैं।
लेकिन…
- एक लॉबी उनके खिलाफ काम कर रही है।
- यह तर्क दिया जा रहा है कि अगर गोयल को मुख्य सचिव बनाया गया, तो शासन और पुलिस, दोनों के मुखिया एक ही जाति (वैश्य समाज) से हो जाएंगे, क्योंकि DGP राजीव कृष्णा भी उसी समाज से हैं।
- 2. देवेश चतुर्वेदी (Devesh Chaturvedi)
- फिलहाल केंद्र सरकार में कृषि मंत्रालय के सचिव हैं।
- सीएम योगी के साथ पहले गोरखपुर में जिलाधिकारी रह चुके हैं।
- ब्राह्मण समुदाय से आते हैं, इसलिए आगामी पंचायत और विधानसभा चुनावों को देखते हुए उनका नाम भी आगे है।
चुनौती:
- अगर उन्हें सीएस बनाया जाना है, तो केंद्र से रिलीविंग लेटर लेना होगा।
- वो फरवरी 2026 में रिटायर होंगे, यानी उन्हें कम से कम 1 साल का एक्सटेंशन देना होगा।
- 3. दीपक कुमार (Deepak Kumar)
- वर्तमान में अपर मुख्य सचिव (वित्त) और कृषि उत्पादन आयुक्त हैं।
- योगी के करीबी माने जाते हैं, गोरखपुर में डीएम रह चुके हैं।
- प्रशासन में उनकी छवि फास्ट डिलिवरी अफसर की है।
- जनप्रतिनिधियों और जनता से संवाद अच्छा है, फैसले तुरंत लेते हैं।
उनकी खास बात:
- अक्टूबर 2026 तक सेवा में रहेंगे, यानी 2027 के विधानसभा चुनाव तक एक्सटेंशन देकर उपयोग किया जा सकता है।
जातीय समीकरण भी बन रहे फैक्टर
मुख्य सचिव की नियुक्ति में जातीय समीकरण भी सामने आ रहे हैं –
- वैश्य समाजP. Goyal के पक्ष में है।
- ब्राह्मण लॉबी देवेश चतुर्वेदी को आगे बढ़ा रही है।
- ठाकुर लॉबी दीपक कुमार की दावेदारी को मजबूत कर रही है।
क्या मनोज कुमार सिंह को मिलेगा एक्सटेंशन?
पूर्व मुख्य सचिव आलोक रंजन का मानना है कि सीएम योगी चाहें तो मनोज कुमार सिंह को एक्सटेंशन दिला सकते हैं। लेकिन अगर ऐसा नहीं हुआ, तो S.P. Goyal की दावेदारी सबसे मजबूत मानी जा रही है।
क्यों अहम होता है Chief Secretary का पद?
मुख्य सचिव प्रदेश का सबसे बड़ा प्रशासनिक अधिकारी होता है।
- IAS और IPS से लेकर इंजीनियरिंग सेवाओं तक का नेतृत्व करता है।
- इसलिए यह पद सबसे सीनियर और अनुभवी अफसर को देना सही माना जाता है।
- हालांकि, आखिरी फैसला मुख्यमंत्री का विशेषाधिकार होता है कि वे किसे चुनते हैं।
जैसे-जैसे 31 जुलाई नजदीक आ रही है, मुख्य सचिव पद को लेकर चर्चाएं तेज हो गई हैं। तीनों दावेदारों के पास अनुभव और योग्यता है। लेकिन फैसला सीएम योगी और पीएम मोदी की सहमति से होगा। अब देखना है कि यूपी को अगला “बॉस” कौन मिलता है – गॉयल, चतुर्वेदी या दीपक कुमार?