“Punjab की सत्ता में वापसी के लिए SAD और BJP बना रहे ‘Unholy Alliance’, जनता अब इनके झांसे में नहीं आएगी” – Finance Minister Harpal Singh Cheema का बड़ा हमला

पंजाब के वित्त मंत्री हरपाल सिंह चीमा ने मंगलवार को शिरोमणि अकाली दल (SAD) और भारतीय जनता पार्टी (BJP) पर जोरदार हमला बोला। उन्होंने दोनों दलों पर गैर-पवित्र गठबंधन” (Unholy Alliance) बनाने की कोशिश का आरोप लगाते हुए कहा कि SAD और BJP किसी भी कीमत पर दोबारा पंजाब की सत्ता में लौटना चाहते हैं।

चीमा का यह बयान पंजाब भाजपा अध्यक्ष सुनील जाखड़ की उस टिप्पणी के दो दिन बाद आया है जिसमें उन्होंने कथित तौर पर SAD के साथ फिर से गठबंधन को “वक़्त की ज़रूरत” बताया था।

“SAD और BJP सत्ता की भूखी पार्टियां हैं” – चीमा

वित्त मंत्री ने कहा:

“काफी समय से BJP और अकाली दल के नेता बेचैन हैं। वे किसी भी तरह से पंजाब में सत्ता में वापसी करना चाहते हैं। उनके नेता रोज़ ऐसे बयान दे रहे हैं, जिससे यह स्पष्ट है कि वे गठबंधन को फिर से जीवित करना चाहते हैं।”

उन्होंने यह भी कहा कि एक तरफ SAD अध्यक्ष गठबंधन से इनकार करते हैं, वहीं दूसरी तरफ BJP के राष्ट्रीय नेता कहते हैं कि वे अकेले चुनाव लड़ेंगे।

पंजाब के काले अतीत को याद कीजिए”

चीमा ने SAD-BJP की पूर्व सरकारों पर निशाना साधते हुए कहा,

“पंजाब का जो काला अतीत है, वह इन्हीं पार्टियों की देन है। नशे की समस्या, गैंगस्टर कल्चर और युवाओं का बर्बाद भविष्य – ये सब SAD और BJP की मिलीभगत का नतीजा हैं।”

उन्होंने आरोप लगाया कि जब पंजाब में SAD-BJP गठबंधन की सरकार थी, तब जानबूझकर नशा पंजाब में फैलाया गया ताकि एक पूरी पीढ़ी बर्बाद हो जाए।

तीन काले कृषि कानूनों का जन्मदाता BJP है”

वित्त मंत्री ने कहा कि तीन कृषि कानून, जिनका देशभर में विरोध हुआ और जिन्हें बाद में वापस लेना पड़ा, BJP द्वारा लाए गए थे। उन्होंने कहा:

“पंजाब एक ऐसा राज्य है जो पूरे देश को अन्न देता है। लेकिन बीजेपी और अकाली दल ने मिलकर पंजाब के किसानों और युवाओं का भविष्य बर्बाद कर दिया।”

उन्होंने किसानों के आंदोलन को याद करते हुए कहा कि जनता के दबाव में SAD को 2020 में BJP से गठबंधन तोड़ना पड़ा, लेकिन अब फिर से साथ आने की बातें हो रही हैं।

“2015 की बेअदबी की घटनाएं भी SAD-BJP शासन में हुईं”

चीमा ने कहा कि 2015 में पंजाब में जो गुरुग्रंथ साहिब की बेअदबी की घटनाएं हुईं, वे भी इसी गठबंधन के शासनकाल में हुई थीं।

अब जनता इनका असली चेहरा पहचान चुकी है”

चीमा ने अपने बयान में कहा:

“आज SAD और BJP जिस बेशर्मी से नए गठबंधन की बात कर रहे हैं, वो पंजाब की जनता कभी स्वीकार नहीं करेगी। हर बार जब ये सत्ता में आए, पंजाब को नुकसान ही पहुंचा। अब पंजाब के पास ईमानदार आम आदमी पार्टी की सरकार है और जनता इन्हीं पर भरोसा करती है।”

पृष्ठभूमि:

  • 2020: किसान आंदोलन के चलते SAD ने BJP से गठबंधन तोड़ा।
  • 2015: गुरु ग्रंथ साहिब की बेअदबी और गोलीकांड की घटनाएं SAD-BJP शासन में हुईं।
  • अब: BJP और SAD के बीच गठबंधन की संभावनाओं पर चर्चा फिर से शुरू।

हरपाल चीमा का बयान इस बात की ओर इशारा करता है कि आम आदमी पार्टी SAD-BJP की किसी भी संभावित साझेदारी को लेकर सख्त रुख अपनाए हुए है। वहीं, पंजाब की राजनीति में फिर से पुराने गठबंधन की वापसी की अटकलें तेज़ हो गई हैं। अब देखना यह है कि क्या SAD और BJP फिर से साथ आते हैं या नहीं – लेकिन AAP सरकार ने साफ कर दिया है कि वह इसे पंजाब के हित के खिलाफ़” मानती है।

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