तरनतारन विधानसभा सीट पर होने वाले उपचुनाव को लेकर सियासी हलचल तेज हो गई है। इस सीट को खाली हुए अभी ज़्यादा वक्त नहीं हुआ और अब हर बड़ी पार्टी यहां अपनी पकड़ मजबूत करने में जुट गई है।
सीट खाली कैसे हुई?
2022 के विधानसभा चुनाव में आम आदमी पार्टी (AAP) के कश्मीर सिंह सोहल ने तरनतारन सीट जीती थी। लेकिन बीमारी के चलते 27 जून 2025 को उनका निधन हो गया। इसके बाद से यह सीट खाली पड़ी है।
तरनतारन सीट को ‘पंथक सीट’ माना जाता है, यानी यहां सिख राजनीति का असर ज़्यादा है। यही वजह है कि इस सीट पर हर पार्टी की नज़र टिकी हुई है।
AAP ने बनाई नई रणनीति
AAP ने तरनतारन उपचुनाव को लेकर अपनी तैयारियां तेज कर दी हैं।
- हरमीत सिंह संधू को बनाया हलका इंचार्ज – शिरोमणि अकाली दल (SAD) छोड़कर 10 दिन पहले AAP में शामिल हुए पूर्व विधायक हरमीत सिंह संधू को पार्टी ने तरनतारन का हलका इंचार्ज बना दिया है।
- क्या संधू को मिलेगा टिकट? – माना जा रहा है कि AAP उन्हें उपचुनाव में उम्मीदवार भी बना सकती है। हालांकि पार्टी में शामिल होते वक्त संधू ने कहा था – “मैं उम्मीदवार बनने के लिए नहीं, बल्कि कार्यकर्ता के तौर पर पार्टी में आया हूं।”
इसके बावजूद उनके टिकट को लेकर चर्चाएं ज़ोरों पर हैं। - संधू की जॉइनिंग चंडीगढ़ के पंजाब भवन में CM भगवंत मान और पार्टी प्रभारी मनीष सिसोदिया ने करवाई थी।’
SAD ने पहले ही कर दी चाल
शिरोमणि अकाली दल (SAD) ने इस सीट पर सबसे पहले कदम बढ़ाते हुए सुखविंदर कौर को अपना उम्मीदवार घोषित कर दिया है। SAD की रणनीति साफ है – वह इस सीट पर जल्दी तैयारी शुरू करके बढ़त बनाना चाहती है।
BJP भी पीछे नहीं
भाजपा ने भी इस सीट को लेकर अपने पत्ते खोल दिए हैं। पार्टी ने यहां के लिए प्रभारी और सह प्रभारी नियुक्त कर दिए हैं –
सुरजीत ज्याणी – प्रभारी
केडी भंडारी (पूर्व CPA) और रवि करण सिंह काहलों (पूर्व विधायक) – सह प्रभारी
कांग्रेस की रणनीति क्या है?
कांग्रेस ने अभी तक अपने उम्मीदवार का ऐलान नहीं किया है। लेकिन पार्टी हालात पर नज़र रख रही है और जल्द ही अपनी रणनीति सामने ला सकती है।
एक और चुनौती – अमृतपाल सिंह की पार्टी भी मैदान में
इस उपचुनाव को और दिलचस्प बनाता है अमृतपाल सिंह का फैक्टर। असम की डिब्रूगढ़ जेल में बंद खालिस्तान समर्थक और सांसद अमृतपाल सिंह की पार्टी ने भी यहां से चुनाव लड़ने का ऐलान कर दिया है। इसका मतलब है कि मुकाबला और भी ज़्यादा टफ और मल्टी-कोर्नर होने वाला है।
राजनीतिक तस्वीर कैसी है?
तरनतारन उपचुनाव अब चार बड़े दलों और एक नए फैक्टर (अमृतपाल सिंह की पार्टी) के बीच दिलचस्प जंग बन चुका है।
- AAP – हरमीत सिंह संधू पर दांव खेल सकती है।
- SAD – सुखविंदर कौर के नाम का एलान कर बढ़त लेने की कोशिश में है।
- BJP – संगठनात्मक ढांचा तैयार कर रही है।
- कांग्रेस – चुपचाप सही समय का इंतज़ार कर रही है।
- अमृतपाल सिंह की पार्टी – नए समीकरण बना सकती है।