उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने सोमवार को एक उच्चस्तरीय बैठक में राज्य के सभी परिषद (सरकारी) स्कूलों की भौतिक स्थिति की गहन और व्यापक समीक्षा करने का आदेश दिया है। उन्होंने अधिकारियों को साफ निर्देश दिए कि राज्य में कोई भी स्कूल जर्जर बिल्डिंग में संचालित नहीं होना चाहिए और स्कूलों में बुनियादी सुविधाओं की कोई कमी नहीं होनी चाहिए।
मुख्यमंत्री ने कहा कि जहां भी स्कूल की स्थिति खराब है, वहां तुरंत सुधार कार्य शुरू किया जाए और संबंधित अधिकारियों की जिम्मेदारी तय की जाए। इस काम के लिए हर जिले में जिलाधिकारी (DM) और बेसिक शिक्षा अधिकारी (BSA) की देखरेख में एक विशेष टीम बनाई जाएगी, जो स्कूलों का फिजिकल वेरिफिकेशन (भौतिक सत्यापन) करेगी।
किन बिंदुओं की होगी जांच?
- स्कूल बिल्डिंग की मजबूती
- पीने के पानी की व्यवस्था
- टॉयलेट्स की उपलब्धता (विशेषकर लड़कियों के लिए)
- बिजली और फर्नीचर
- दीवारों की पेंटिंग
- रैम्प की सुविधा (दिव्यांग बच्चों के लिए)
- बच्चों के बैठने की सही व्यवस्था
सीएम योगी ने कहा कि जिन स्कूलों की इमारतें पूरी तरह से जर्जर हैं, वहां पढ़ रहे बच्चों को तुरंत अस्थायी स्थानों पर शिफ्ट किया जाए और मरम्मत या नए निर्माण का काम जल्द शुरू किया जाए। इसके लिए विभागीय बजट के साथ-साथ CSR (कॉर्पोरेट सोशल रिस्पॉन्सिबिलिटी) फंड का भी इस्तेमाल किया जाएगा।
जनप्रतिनिधियों को भी जोड़ा जाएगा
योगी आदित्यनाथ ने कहा कि सांसदों, विधायकों और अन्य जनप्रतिनिधियों के साथ संवाद स्थापित कर उन्हें भी इस अभियान में भागीदार बनाया जाए।
“ऑपरेशन कायाकल्प” की समीक्षा
सीएम योगी ने “ऑपरेशन कायाकल्प” की प्रगति की समीक्षा करते हुए बताया कि वर्ष 2017 से पहले केवल 36% स्कूलों में ही बुनियादी सुविधाएं उपलब्ध थीं और महज 7,500 स्कूलों में लाइब्रेरी थी। उस समय केवल 33.9% स्कूलों में लड़कियों के लिए शौचालय थे और स्मार्ट क्लास, डिजिटल एजुकेशन, यूनिफॉर्म, जूते-मोजे और किताब वितरण की व्यवस्थाएं बेहद कमजोर थीं।
लेकिन पिछले 8 वर्षों में राज्य सरकार ने सरकारी स्कूलों को बुनियादी सुविधाओं से लैस करने के लिए बड़े स्तर पर सुधार किए हैं।
आज 19 पैरामीटर्स में से 96% काम पूरा हो चुका है।
अब 1,32,678 स्कूलों में लाइब्रेरी चालू हैं, जहां कम से कम 500 किताबें उपलब्ध करवाई गई हैं।
सत्र 2024-25 में 15.37 करोड़ किताबें छात्रों को मुफ्त बांटी गई हैं।
4.53 लाख शिक्षकों को डिजिटल टीचिंग का प्रशिक्षण दिया गया है।
सीएम ने निर्देश दिया कि हर जिले से एक विस्तृत प्रगति रिपोर्ट तैयार कर सरकार को जल्द से जल्द भेजी जाए। इसके साथ ही सभी कार्यों का फोटोग्राफिक डाक्युमेंटेशन भी किया जाए ताकि पारदर्शिता बनी रहे।
मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ की यह पहल सरकारी स्कूलों की हालत सुधारने और बच्चों को एक सुरक्षित, स्वच्छ और आधुनिक शिक्षा माहौल देने की दिशा में एक बड़ा कदम है। यदि ये निर्देश सही ढंग से लागू होते हैं, तो प्रदेश के लाखों बच्चों को बेहतर शिक्षा सुविधाएं मिल सकेंगी।