पंजाब के कई इलाकों में आई बाढ़ के कारण किसानों की जमीनें बुरी तरह प्रभावित हुई हैं। खेतों में रेत, गाद और मलबा जम गया है, जिससे खेती फिर से शुरू करना बहुत मुश्किल हो गया है। लेकिन इस कठिन समय में आम आदमी पार्टी का काम करने का तरीका लोगों को उम्मीद दे रहा है। सरकार के साथ-साथ उसके जनप्रतिनिधि भी खुद जमीन पर उतरकर किसानों की मदद कर रहे हैं।
सांसद सीचेवाल खुद मैदान में उतरे
आप सांसद बलबीर सिंह सीचेवाल इन दिनों लगातार बाढ़ प्रभावित गांवों का दौरा कर रहे हैं। सिर्फ दौरा ही नहीं—वे खुद ट्रैक्टर लेकर किसानों के खेतों में पहुंच रहे हैं और वहां मंडी हुई रेत और गाद को हटाने के काम में किसानों के साथ काम कर रहे हैं।
किसान बताते हैं कि पहली बार कोई सांसद उनके खेतों में खुद उतरकर उनकी परेशानी समझ रहा है। पहले बाढ़ के बाद वे अकेले रह जाते थे, लेकिन इस बार हालात अलग हैं।
‘जिसका खेत, उसकी रेत’—पंजाब सरकार की नई पहल
बाढ़ के बाद खेतों में रेत जम जाने की समस्या को देखते हुए पंजाब सरकार ने एक बेहद अनोखी और मददगार योजना शुरू की है—“जिसका खेत, उसकी रेत”।
इस योजना के तहत:
- खेत में जितनी भी रेत जमा हुई है, उसका ओनरशिप किसान को दिया जा रहा है।
- सरकार खुद रेत हटवाने में किसानों की मदद कर रही है।
- अगर रेत की मात्रा ज़्यादा है, तो किसान चाहें तो उसे बेच भी सकते हैं, जिससे उन्हें आर्थिक फायदा मिलेगा।
- खेतों की सफाई के लिए विशेष मशीनरी, ट्रैक्टर और तकनीकी टीम लगातार काम कर रही है।
यह पहली बार है जब पंजाब में किसी सरकार ने बाढ़ प्रभावित किसानों के लिए इस तरह की जमीन-स्तर की पहल की है। किसान इस योजना को बेहद सकारात्मक मान रहे हैं।

सरकार पूरी तरह एक्टिव
मुख्यमंत्री भगवंत मान के नेतृत्व में पूरी सरकारी मशीनरी राहत और पुनर्वास के काम में जुटी हुई है।
सरकार किसानों को:
- तकनीकी सलाह,
- आर्थिक सहायता,
- मशीनरी
- और अगली फसल की तैयारी के लिए जरूरी सपोर्ट
प्रदान कर रही है।
किसानों में नई उम्मीद
सीचेवाल की मौजूदगी और सरकार की इस तेज़ कार्रवाई से किसानों का मनोबल बढ़ा है।
किसान कह रहे हैं:
- “पहले हमें अकेला छोड़ दिया जाता था, लेकिन अब सांसद खुद हमारे साथ खेत में खड़े हैं।”
- “सरकार सिर्फ वादे नहीं कर रही, बल्कि असल में काम कर रही है।”
जमीन पर उतरकर काम करने वाले जनप्रतिनिधि का उदाहरण
आप सरकार ने दिखाया है कि राजनीति सिर्फ कुर्सी पर बैठकर फैसले लेने का नाम नहीं है, बल्कि लोगों के साथ खड़े होने और उनके लिए जमीन पर उतरकर काम करने का नाम है।
सांसद सीचेवाल का यह कदम पंजाब में बाढ़ राहत कार्यों में एक नया मानक स्थापित कर रहा है।
नतीजा—नई शुरुआत की ओर कदम
बाढ़ की तबाही से उबरने में समय लगेगा, लेकिन खेतों की सफाई और रेत हटाने के काम ने किसानों को उम्मीद और नई शुरुआत का रास्ता दिखाया है।
सरकार और जनप्रतिनिधियों की यह संयुक्त मेहनत किसानों को फिर से खेती शुरू करने के लिए तैयार कर रही है।

