Punjab सरकार ने तय किया है कि अब सरकारी अधिकारियों और कर्मचारियों के तबादले हर साल 15 जुलाई से 15 अगस्त के बीच ही किए जाएंगे। इसके बाद सामान्य तबादलों पर पूरी तरह रोक लगा दी जाएगी।
कार्मिक विभाग ने इस संबंध में सभी विभागों के प्रमुखों, मंडलायुक्तों और ज़िलाधिकारियों को आदेश जारी कर दिए हैं। अब तबादले विभाग की तय की गई नीति के अनुसार ही होंगे। हालांकि, सरकार ज़रूरत पड़ने पर आईएएस और आईपीएस अधिकारियों का तबादला किसी भी समय कर सकेगी।
राज्य में ऐसे होती है तबादला प्रक्रिया
जानकारी के अनुसार, एक तय समय के भीतर कर्मचारियों और अधिकारियों का तबादला करने के पीछे सरकार की कोशिश यही होती है कि विभागों का काम प्रभावित न हो। साथ ही सरकार का काम भी सुचारू रूप से चल सके। तबादले तीन तरह के होते हैं।
इसमें आमतौर पर 2-3 साल के कार्यकाल के बाद रूटीन ट्रांसफर किया जाता है। जबकि अनुरोध पर तबादला तब होता है जब कोई कर्मचारी व्यक्तिगत कारणों (जैसे स्वास्थ्य, पारिवारिक स्थिति) के चलते तबादला चाहता है तो वह आवेदन कर तबादला मांग सकता है।

दूसरी ओर, प्रशासनिक तबादले कई बार प्रशासनिक जरूरतों या विभागीय कारणों से किए जाते हैं। इसके अलावा दंडात्मक तबादला वह होता है जो किसी अनुशासनात्मक कारण से भी किया जा सकता है।
दो तरीके से ट्रांसफर की प्रक्रिया
कर्मचारी ट्रांसफर के लिए आवेदन दे सकता है (ऑफलाइन या ऑनलाइन पोर्टल के माध्यम से)। इसके बाद विभागीय हेड या संबंधित अधिकारी आवेदन की समीक्षा करते हैं। यदि आवश्यक समझा जाए तो फाइल उच्च अधिकारियों (जैसे डायरेक्टर, सेक्रेटरी, या मिनिस्टर) को भेजी जाती है।
स्वीकृति मिलने पर ट्रांसफर आदेश जारी होता है। वहीं, कुछ विभागों में ट्रांसफर की प्रक्रिया ऑनलाइन पोर्टल के माध्यम से भी होती है, जैसे पंजाब एजुकेशन डिपार्टमेंट का ट्रांसफर पोर्टल और eHRMS (इलैक्ट्रानिक ह्यूमन रिसोर्स मैनेजमेंट सिस्टम) है। इसके अलावा पुलिस की अपनी प्रक्रिया है।